यूपी कांग्रेस कल से बुंदेलखंड में गोवंश और किसानों की दुर्दशा को लेकर *गाय बचाओ, किसान बचाओ पदयात्रा* करने जा रही है।
यह यात्रा ललितपुर की सुजना गौशाला से निकलकर बुन्देलखण्ड के सभी जिलों से होती हुई चित्रकूट में पवित्र मंदाकिनी नदी के तट पर समाप्त होगी जहां योगी सरकार की अपेक्षा द्वारा मारी गई गौवों की अस्थियों का तर्पण किया जाएगा।
मगर आज कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी, बाजीराव खड़े, पूर्व सांसद प्रदीप जैन जी समेत तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।
यूपी में रोज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
क्या उत्तर प्रदेश में किसानों के मुद्दे उठाना गुनाह है? खुद यूपी सरकार मान चुकी है कि गौशालाओं में गायों की मृत्यु हो रही है तो क्या गोवंश को बचाने की मांग उठाना क्या गलत है?
यूपी में क्या कोई आवाज नहीं उठा सकता अब?