
रामजियावन गुप्ता/बीजपुर (सोनभद्र) वन रेंज जरहा क्षेत्र अंतर्गत नेमना गाँव के टोला मोहरी घरवही मे रविवार की रात छत्तीसगढ़ के जंगल से भटक कर आए दर्जन भर जंगली हाथियों के झुंड ने चारपाई पर सो रही सात साल की बच्ची को घर के अंदर से खींच कर पटक कर मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नही गाँव में दर्जन भर किसानों की तैयार लाखों की खड़ी धान की फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया। जानकारी के अनुसार कुमारी नैना पुत्री रामसजीवन 07 वर्ष अपनी माँ प्रमिला के साथ रिश्तेदार के घर मे चारपाई पर सोई थी कि इसी बीच हाथियों का झुंड रात लगभग 11 बजे आ गया। बौखलाए हाथियों ने पहले घर को क्षतिग्रस्त कर उसमें रखा धान और

मक्का को बाहर निकाल कर खाया और बर्बाद किया फिर बाहर खड़ी एक बाइक को रौद दिया जैसे ही घर मे सो रहे लोगों को हाथियों के आने की भनक लगी तो लोग घर से निकल कर भागने लगे इसी बीच अफरातफरी में मृतक नैना हाथियों के चंगुल में आ गयी तो उसको पटककर मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया जिससे घर मे कोहराम मच गया। थोड़ी देर में मौके पर वन कर्मी भी पहुँचे और उन्हीं की सूचना पर पहुँची डायल 112 नम्बर ने लाश को रात में ही उठा कर एनटीपीसी रिहंद धन्वन्तरि अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया। बताया जाता है कि मृतक नैना अपनी माँ प्रमिला के साथ अपने गाँव अरझट बभनी से नेमना अपने मौसी के घर तीन दिन पहले घूमने आई थी।

सूत्रों के अनुसार प्रमिला का पति रामसजीवन अपनी पत्नी को छोड़ दिया है जिसके कारण
प्रमिला बच्ची को लेकर अपनी रिस्तेदारी में जहाँ तहाँ घूम कर गुजर बसर कर रही है। परिजनों के अनुसार जिस घर मे यह हादसा हुआ वह जगजीवन हरिजन का घर है घटना के समय घर मे छोटे बड़े कुल सात लोग सोए हुए थे और थोड़ी ही दूर पर वन कर्मियों की टीम हाथियों को जंगल मे भगाने के लिए जुगत बना रही थी। इसके पहले गाँव मे उसी रात अर्जुन , सुग्रीव , शिवप्रसाद , सियाराम , किशुनदेव, रामकृष्ण, रामजी, सहित दर्जन भर लोगों के खेत मे खड़ी लाखों की धान फसल को रौद कर बर्वाद कर हाथी यहाँ पहुँचीं थीं। ग्राम प्रधान सीताराम ने वन बिभाग से मृतक के परिवार को तत्काल मुवावजा की माँग की हैं तो किसान फसल नुकसानी की क्षति पूर्ति के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। इस बाबत वन रेंज अधिकारी मुहम्द जहीर मिर्ज़ा से जब जानकारी माँगी गयी तो उन्हों ने कहा ग्रामीणों को एलर्ट किया गया था लेकिन यह घटना घट गई। सवाल उठता है अगर महकमा लोगों को एलर्ट किया था तो लोग घरों में निश्चिन्त होकर कैसे सो रहे थे जब कि

हाथियों का झुण्ड दिनभर से इलाके के जंगलों और समीपी गाँवो में उत्पात मचा रहा है । खबर लिखे जाने तक लगभग एक दर्जन हाथियों का झुंड घटना स्थल से महज पाँच सौ मीटर की दूर पहाड़ी पर अपना डेरा डाले पड़ीं है। इस बाबत एसडीओ रेनुकूट कुंजमोहन वर्मा ने बताया मुझे जैसे ही सूचना मिली मैं सुबह सुबह ही चला आया और म्योरपुर,बभनी बीजपुर से टीम बना दिया हैं वह लोग गांव वालों को सूचना देंगे और मृतक नैना के परिजनों को जो भी सरकारी मुआवजा होगा वह दिलाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई हैं।
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