परीक्षा पद्धति को लेकर अभिभावकों में आक्रोश
रेणुकूट (सोनभद्र)।
शिवानी/आदित्य सोनी
नगर के शैक्षणिक संस्थानों व निजी विद्यालयों में अपने को सर्वोत्तम साबित करने की होड़ सी लग गई है, ऑनलाइन परीक्षा को लेकर विद्यालयों द्वारा तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि किस प्रकार बच्चों के अभिभावकों को प्रभावित कर फीस वसूली जा सकेl इसके लिए चाहे परीक्षा का तरीका कैसा भी हो और बच्चे उसका पालन कर पाए या नहीं l एक निजी संस्थान के विद्यालय में तो बच्चों को केवल 5 दिन पहले ही ऑनलाइन परीक्षा की सूचना दी। परीक्षा पद्धति को लेकर बच्चे परीक्षा के दिन तक पूरी तरह से सशंकित रहे। परीक्षा वाले दिन जब परीक्षा शुरू होने के बाद भी घंटो तक बच्चों को प्रश्नपत्र ही नहीं मिला, कुछ बच्चों के उपस्थित रहने के बाद भी अनुपस्थित कर दिया गया। विद्यालय के अध्यापकों को यही नहीं मालूम पड़ रहा था कि कौन-कौन बच्चे परीक्षा में बैठे हैं। प्रश्न पत्र में से कई प्रश्न ही गायब थे, उत्तर गलत थे जिसे लेकर बच्चे परीक्षा कम दे रहे थे और व्हाट्सएप पर जाकर चैटिंग कर रहे थे। बच्चों ने ग्रुप बनाकर परीक्षा भी दे डाली lअभिभावक राजीव, अरुण कुमार,मुन्ना शर्मा, श्रीनाथ गुप्ता,प्रमोद आदि का मानना है कि इस प्रकार की परीक्षा का क्या औचित्य है जिसका कोई मापदंड ही नहीं है। पैरंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अजय राय ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि परीक्षा के नाम पर विद्यालय प्रबंधक बेवजह अभिभावकों, छात्रों व अध्यापकों का शोषण कर रहे हैं। पूरी फीस ना देने पर परीक्षा में बैठने भी नहीं दिया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी जितनी भी बेइज्जती की जा सकती है की जा रही है l परीक्षा पद्धति का बिना अभ्यास कराएं परीक्षा ले रहे हैं और प्रश्नपत्र भी बिना जांच के दे दिए गए। जिससे बच्चों को मानसिक दबाव पड़ रहा है अभिभावकों व जनमानस में इस विषय पर काफी आक्रोश है। अजय राय ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन की इस प्रकार की लापरवाही व दादागिरी बर्दाश्त के बाहर है जिस पर प्रशासन से जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।