पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्टवाराणसी/ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा होम आइसोलेशन के लिए जारी किए गए गाइडलाइन को लेकर
ब्रेथ ईजी टी.बी चेस्ट एलर्जी केयर अस्पताल के वरिष्ठ टी.बी श्वास एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.के पाठक ने एक वार्ता में बताया कि कोरोना वायरस की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वास्थ्य मंत्रालय व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। लेकिन होम आइसोलेशन में उन्हीं मरीजों को रहने की सलाह दी जा रही है, जिनमें इस बीमारी के मामूली लक्षण नजर आ रहे हैं और जो कुछ दवाओं और सेलेक्टिव खान–पान के जरिए इस बीमारी को खत्म कर सकते हैं।डॉ पाठक ने बताया शहर में जिन व्यक्तियों को कोरोना पोजिटिव घोषित किया जायेगा उन्हें रैपिड रिस्पोंस टीम द्वारा उसी दिन परिक्षण किया जायेगा और निरिक्षण के समय यदि मरीज लक्षण सहित पाया गया तो उसे तुरंत कोई अस्पताल एलोकेट कर दिया जायेगा, और यदि लक्षण रहित पाया गया मरीज को होम आइसोलेशन का अनुमति पत्र दिया जायेगा । परन्तु ये तभी संभव हैं, जब रैपिड रिस्पोंस टीम के आने के पूर्व कोरोना किट मरीज के पास पहले से ही उपलब्ध हो, जिसमे 40 डिस्पोजेबल मास्क, 20 दस्ताने, 1 बोतल सेनेटाईज़र, 1 बोतल सोडियम सलूशन, 1 डेटोल साबुन, 1 पल्सओक्सिमीटर, 1 थर्मामीटर, विटामिन सी की 50 टेबलेट, जिंक की 50 टेबलेट, हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन की 10 टेबलेट, सुखी अदरक, सोठ का पाउडर 50 ग्राम होने चाहिए।जिन व्यक्तियों को होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है, उसे चिकित्सकीय भाषा में माइल्ड, प्रीसिम्पटोमेटिक या एसिम्पटोमेटिक कहा जाता हैं I संक्रमित व्यक्ति के घर में होम आइसोलेशन के दौरान परिवार से अलग और उचित दूरी पर रहने की सभी सुविधाएं मौजूद होनी चाहिए, जबकि बुजुर्ग और सीनियर सिटिजन्स के केस में मेडिकल ऑफिसर द्वारा सही जांच और इलाज के बाद ही बुजुर्गों को होम आइसोलेशन का की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही होम आइसोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने के लिए 24 घटें और सातों दिन कोई व्यक्ति उपलब्ध रहना चाहिए, मरीज का अलग से शौचालय होना चाहिए I मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति और जिस हॉस्पिटल से पेशेंट का इलाज चल रहा है, उसके बीच लगातार कॉन्टेक्ट रहना चाहिए, जब तक कि चिकित्सक द्वारा होम आइसोलेशन की अवधि तय की गई है।डॉ. पाठक ने आगे बताया की मरीज को होम आइसोलेशन के दौरान हर समय तीन लेयर वाला फेसमास्क पहना होगा और हर 8 घंटे में इस मास्क को बदलना भी होगा । मास्क को 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइडड के साथ डिसइंफेक्ट करने के बाद ही कूड़ेदान में फेकना हैं I इससे संक्रमण के फैलने का डर नही होगा Iडॉ. पाठक ने आगे बताया मरीज को अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए पूरा आराम करना होगा, हाइजीन का विशेष ध्यान रखना होगा, खांसते और छींकते समय मुंह पर हाथ रखें, कम से कम हर आधे घंटे में साबुन से हाथ धोते रहें, या फिर कहीं भी छूने और टच करने के बाद सेनिटाइजर का उपयोग कर हाथ साफ करे I उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्देशित होम आसोलेशन में रहने वाले एसिम्टोमेटिक मरीजों को एक किट खरीदनी होगी जिसमें, पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट साल्यूशन एवं इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाली चीजें शामिल हैं I ये सभी चीजे ब्रेथ ईजी अस्पताल से मरीज आसानी से खरीद सकता हैं और इन सबके साथ – साथ मरीज को आरोग्य सेतु के जरिये अपने स्वास्थ्य की प्रतिदिन नियमित रूप से जानकरी दर्ज करनी होगी। इसके अलावा अपने बॉडी टेंपरेचर को भी मापते रहना होगा। साथ ही ऐसे मरीज जिनकी इम्यूनिटी पावर कमजोर है, उन्हें होम आइसोलेशन की इजाजत नहीं दी जा सकती हैं I