
** दुर्लभ प्रजाति की मछलियों का जलाशय से सफाया
बीजपुर(सोनभद्र) सरकार द्वारा रोक के बाद भी रिहंद जलाशय से मछली मारने का गोरखधंधा बेरोक टोक जारी है सरहंग किस्म के मछली माफियाओं द्वारा प्रतिबंधित माह में भी मछली मार कर ट्रक पिकप से गैर प्रान्तों की मंडियों में पहुँचा कर रातदिन लखपति करोड़पति बनने का कुचक्र किया जा रहा है। मछली मारने से जब ग्रामीण मना करते है तो कहा जाता है कि हमारा सम्बन्ध विभाग से है। गौरतलब हो कि जुलाई, अगस्त महीने का समय मछलियों के प्रजनन काल का होता है जिसको देखते हुए मत्स्य बिभाग द्वारा मछली शिकार को प्रतिबंधित किया जाता है। मत्स्य बिभाग मछलियों का शिकार करने की बजाय जलाशय का संरक्षण करनेे के लिए बिभाग को शख्त निर्देश भी जारी किया है बावजूद मछली माफियाओं द्वारा शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए रिहंद जलाशय के शाहपुर, शक्तिनगर, चनावल, धुम्मा डाँड़ , खम्हरिया , राजो , बंका सहित दर्जनों स्थानों पर डेरा डालकर बड़े पैमाने पर नाव द्वारा जाल से मछलियों को मारने का गोरखधंधा रातदिन जारी है।सूत्रों के अनुसार मछली माफियाओं द्वारा उक्त स्थानों पर जलाशय के अंदर शाम 04 बजे से जाल फैला दिया जाता है और सुबह 06 बजे तक मछली मारने का कार्य बन्द कर दिया जाता है। सभी स्थानों पर मारीगयी मछलियों को एमपी बिंध्यनगर के गहिलगढ़ में इकठ्ठा करके आस पास के मंडियों समेत बाहर की मंडियों को भेजने का कार्य यहीं से किया जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि रिहंद जलाशय से मछली मारने पर अगर जल्द रोक नही लगाया गया तो दुर्लभ प्रजाति की मछलियों का रिहंद जलाशय से सफाया हो जाएगा।इस बाबत जब एडीएफ मत्स्य विजय पाल से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा सभी थानों को पत्र जारी कर रोक लगाए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। बावजूद रिहंद जलाशय का क्षेत्रफल काफी लंबा चौड़ा है इस लिए सुरक्षा में कमी रह जाती है।
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