पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
अयोध्या।अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री करेंगे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन, अखिल भारतीय संत समिति ने इसे बताया ऐतिहासिक और आनंद देने वाला क्षण*
*तीन-साढ़े तीन वर्षों में मक्का और वेटिकन से भी भव्य होगा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर : स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती*
संत समाज ही नहीं पूरे विश्व के सनातन हिन्दु समाज के लिए यह गौरव का क्षण आने वाला है, कि 1528 में बाबर और उसके सेनापति द्वारा अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर को तोड़ दिया गया था। 492 वर्षों का संघर्ष, 80संघर्ष, न्यायायालय में 1949 से लंबित मुकदमों की सुनवाई होते होते आज विराट हिन्दु समाज के लिए वह गौरवशाली क्षण आ ही गया जब हम इन्हीं आंखों, इन्हीं शरीर से भगवान राम की जन्मभूमि पर अपने यशस्वी प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि का भूमि पूजन होते देखेंगे…और भगवत कृपा रही तो तीन साढे तीन वर्षों में दुनिया का सबसे दिव्यतम मंदिर.. श्रीराम जन्मभूमि का वह मंदिर जो इसाइयों के लिए वेटिकन और मुसलमानों के लिए मक्का अहमियत रखता है वही अहमियत हमारे लिए अयोध्या काशी और मथुरा रखती है, इस तीन में से एक भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम के मंदिर के लिए भूमि पूजन और यह तिथि एक औऱ मामले में ऐतिहासिक है कि पांच अगस्त के ही दिन, पिछले वर्ष भारत की संसद में हमारे यशस्वी गृह मंत्री ने जब गरज कर के जम्मू कश्मीर के कलंक धारा 370 को हटाने की घोषणा की थी और जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित प्रदेश में विभक्त होकर के, धारा 370 समाप्त होकर के कश्मीर के हिन्दुओं के लिए एक स्वाभिमान से जीने का अवसर मिला था और सही मायने में हम कह पाए थे कि कश्मीर भारतीय संविधान के अनुसार भारत का अभिन्न अंग है। इसलिए 5 अगस्त की तिथि श्रीराम जन्मभूमि का भूमि पूजन और कश्मीर से धारा 370 हटने की पहली वर्षगांठ, हर मामले में ऐतिहासिक और आनंद को देने वाला क्षण है …
*स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती,*
*राष्ट्रीय महामंत्री,*
*अखिल भारतीय संत समिति*