सोनभद्र । 17 जुलाई 2019 को उम्भा गांव मे जमीन विवाद को लेकर हुए नर संहार मे 12 आदिवासियों मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया था।जिसके कारण देश की राजनीति को गरम कर दिया था। इस घटना के एक वर्ष पूरे होने के पूर्व जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना दिखा, जिसको लेकर जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने गांव में कोरोना महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जन चौपाल लगा कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना , जिसका मौके पर ही निष्पादन करने की कोशिश किया गया। इस जन चौपाल के सम्बंध में जिलाधिकारी ने बताया कि
सोनभद्र के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने आदिवासी ग्रामीणों के साथ समन्वय बैठक किया। अधिकारिद्व्य ने ग्रामीणो से बात करते हुये उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लिया।
उम्भा के ग्रामीणो की समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया। समस्या के निस्तारण के लिए सम्बन्धित को दिशा-निर्देश दिया । समन्वय बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कोविड-19 से बचाव हेतु शासन व आयुष मंत्रालय द्वारा बताये गये नियमों के बारे में बता कर जागरूक किया । जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने ग्राम सपही में ग्रामीणो को मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए जमीन पर किये गये कब्जा दखल का सत्यापन किया गया । ग्रामीणो को पट्टा किये गए जमींन पर कब्जा दिलाया।
बताते चले कि 17 जुलाई 2019 को सोनभद्र के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया ग्राम पंचायत के उभ्भा गांव में आदर्श सोसाइटी की लगभग 1365 बीघे जमीन में से लगभग 200 बीघे जमीन लेकर आदिवासी ग्रामीणों और ग्राम प्रधान के बीच कब्जा करने को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद में ग्राम प्रधान की तरफ से की गई गोलीबारी में कुल 12 आदिवासी महिला व पुरषो की मौत हुई थी तथा दोनो तरफ से दर्जनों घायल हुए थे। इस घटना ने देश की राजनीति को गर्म कर दिया। जिसमें योगी सरकार ने उभ्भा के आदिवासियों को लगभग 865 बीघा जमीन पट्टा देने के साथ ही मुआवजा और सरकारी योजनाओ का लाभ दिया तो वही कांग्रेस ने मृतक परिवार को 10 – 10 लाख रुपये और आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे रामराज गोंड़ को सोनभद्र का जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया, यहां तक कि प्रियंका गांधी ने उभ्भा का दौरा करके धान के खेत की मेड पर चलकर खूब सुर्खियां बटोरी थी।