समर जायसवाल-
दुद्धी सोनभद्र पशु अस्पताल दुद्धी के अधीक्षक डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि दुद्धी ब्लाक ने किसी मीट विक्रेता के पास लाइसेंस नहीं है , और मीट की दुकान प्रॉपर गाइडलाईन के अनुसार नहीं है , मीट की गुणवत्ता की जांच नहीं होती , मनुष्य के खाने योग्य है या नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए , मीट काटते समय बूचर स्वस्थ है कि नहीं इसकी मेडिकल सर्टिफिकेट 15 दिन में होनी चाहिए , मानक के हिसाब से मीट शॉप अर्थात दुकान होनी चाहिए तथा प्रॉपर सर्टिफिकेट होना चाहिए , मीट की दुकान नगर से तथा मेन मार्केट से दूर होना चाहिए , नगर पंचायत के द्वारा प्रत्येक मीट दुकान से पंजीकृत किया जाए तथा मीट को चेक करने की अनुमति राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी को दिया जाए तथा शुल्क प्रति दुकानों से निर्धारित लिया जाय । इससे राजस्व में वृद्धि होगी , इसकी निगरानी उच्चस्तरीय हो । यह बातें गोकशी की घटना के बाद दिए बयान में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि अगर यूं ही खुलेआम मीट की बिक्री चलती रहे तो कभी भी कुछ भी मीट से संक्रमण से लेकर मीट की गुणवत्ता साथ ही साथ मीट किस पशु का है इसकी प्रमाणिकता कोई नहीं दे सकता , जरूरत है इस ओर ध्यान देने की, अन्यथा असावधानी का शिकार आम जनमानस कभी भी हो सकता है ।
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