
बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
आदिकाल से आधुनिक काल तक सच्चे गुरुओं की प्ररेणा से हमारे देश को विश्वगुरु के नाम से जाना जाता है।
भारतीय संस्कृति के समस्त गुरुओं के चरणों में कोटि-कोटि नमन।
बभनी। हमारे देश में समस्त गुरुओं के प्रभाव से कठिन से कठिन राह आसान हो जाता है। यहां गुरुओं का सम्मान करना हमारे देश की नैतिक परंपरा है इसलिए हमारा देश विश्वगुरु के नाम से जाना जाता है आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक हमारे देश में गुरुओं की भूमिका सर्वोपरि होती है चाहे राजा हों या रंक सभी अपने गुरुओं का आदर व सम्मान करते हैं गुरु के द्वारा दी गई शिक्षा के कारण ही लोग अपने-अपने लक्ष्य की प्राप्ति करते हैं चाहे कोई राजनेता अधिकारी कर्मचारी समाजसेवी किसान बदमाश या भिखारी सभी अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं।चाहे वे किसी भी रास्ते पर चले जाएं परंतु उन्हें इस बात का अहसास होता है कि हमने अपने कर्मों के आधार पर ही अपने मार्गों का चयन किया इसलिए हम जिस रास्ते पर हैं हमें अपने गुरुओं का मार्गदर्शन लेते रहना चाहिए इसलिए गुरु हमारे ईश्वर मार्गदर्शक पथप्रदर्शक सच्चा प्रेम स्नेह व

आत्मविश्वास की प्रतिमूर्ति होते हैं।बाकी किसी क्या बनना या करना है वह अपने कर्मों के आधार पर निर्धारित होता है। इसलिए विश्व के किसी अन्य देशों में कोई आपदा आ जाती है तो उनके द्वारा हमारे देश से ही परामर्श लिया जाता है।इस संबंध में दक्षिणांचल ग्रामोदय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य एस के पांडेय ने बताया कि आदिकाल से ही हमारे देश में ॠषि मुनियों ने अपने तपोबल व मंत्रों के द्वारा हमारे देश की धरती को पवित्र कर दिया है अपने शिष्यों को दिव्यमंत्रों की शक्ति व शस्त्र-शास्त्र की विद्या से परिपूर्ण कर दिया था जिसका प्रभाव किसी न किसी रुप में आज भी विद्यमान है आज देश भयानक वैश्विक कोरोना महामारी की आपदा से गुजर रहा है परंतु फिर भी इस जंग को जीतकर देश को महामारी मुक्त बनाने का दम रखता है क्योंकि देश में आई आपदा के साथ करोड़ों गुरुओं व ॠषिमुनियों का प्रयास व आशिर्वाद है। इस संबंध में उच्च प्राथमिक विद्यालय तेलजर के प्रधानाचार्य शंभूनाथ गुप्ता ने बताया कि सत्यमेव जयते हमेशा सत्य की ही विजय होती है हमारे देश में आदिकाल से आधुनिक काल तक गुरुओं का प्रयास कभी विफल नहीं हुआ हमारे देश में सभ्यता व संस्कृति का बहुत बड़ा महत्व है यहां सभी गुरुजनों की पूजा की जाती है उनके द्वारा बताए गए मार्गों पर चलने की प्रेरणा दी जाती है उनके आदर्शों का अनुसरण किया जाता है इसलिए इस वैश्विक कोरोना महामारी के आपदा में हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री भी अन्य देशों के सामने विश्वगुरु की भूमिका में हैं उनके साथ कई गुरुओं का मार्गदर्शन व आशिर्वाद है जिससे देश को अटल विश्वास है कि यह देश इस महामारी में अतिशीघ्र विजय प्राप्त करेगा।
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