· उर्जांचल मे शुध्द पेयजल आपुर्ति हेतु 289 करोड के लागत की परियोजना की निविदा प्रक्रिया पुर्ण, 2022 तक शोधित पेयजल आपुर्ति लक्षित।
उर्जांचल मे पाईप लाईन से शोधित पेयजल की आपुर्ति हेतु 15 मिलियन लीटर डेली जल शोधन की क्षमता वाली बेलवादह ग्राम पेयजल समुह व 25 मिलियन लीटर डेली जल शोधन की क्षमता वाली परासी ग्राम पेयजल समुह परियोजना का होगा निर्माण।
* उर्जांचल मे बेलवादह ग्राम पेयजल समुह 146 करोड रुपये की लागत से व परासी ग्राम पेयजल समुह 143 करोड रुपये की लागत से बनेगा। बेलवादह ग्राम पेयजल समुह परियोजना मे 200 किमी की पाईप लाईन बिछाई जायेगी व परासी ग्राम पेयजल समुह परियोजना मे 330 किमी पाईप लाईन बिछाई जायेगी।
* बेलवादह ग्राम पेयजल समुह के अन्तर्गत ग्राम जोगेन्द्रा, रणहोर, रेहटा, बांसी, बरवानी, चन्दुआर, घरसडी, कौहरोल, मिसिरा, परसवार राजा, परसवार चौबे, पिपरी, बेलवादह,लभरी, मकरा, पाटी, खैरी, सेन्दुर तथा परासी ग्राम पेयजल समुह अन्तर्गत ग्राम ककरी, परासी, गरबन्धा, नकटी, परतलिया, जमशिला, कोहरौलिया, खडिया, कोटा, परसवार बाबु, बडवा भटवारी, जोगी चौरा, भैरवां, जोगिया, चिल्काटांड, रानीबारी है सम्मिलित।
सोनभद्र।उर्जांचलवासियो की पाईप लाईन से शोधित पेयजल आपुर्ति की उम्मीद अब परवान चढ चुकी है व मुर्तरुप ले रही है। उक्त आशय की जानकारी देते हुये समाजसेवी पंकज मिश्रा ने कहा लम्बे समय से जनपद सोनभद्र के क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया के गांवो मे निवासरत आबादी को शुध्द पेयजल उपलब्ध कराये जाने व अन्य पर्यावरणीय मुद्दो पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओ ने लम्बी लडाई एनजीटी मे लडी साथ ही साथ उर्जांचलवासियो द्वारा भी कई बार इन मुद्दो पर आन्दोलनो व अन्य विभिन्न अभियानो के माध्यम से अपनी बात पुरजोर तरीके से रखी गयी थी। एनजीटी के समक्ष केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दाखिल अपनी रिपोर्ट मे रिहन्द जलाशय व उर्जांचल के आस पास के भूगर्भ पेयजल स्त्रोतो को अत्यधिक प्रदुषित व पेयजल मे विषाक्त तत्वो को मानक से कई गुना ज्यादा बताया गया था। जिसके उपरान्त एनजीटी द्वारा दिनांक 13 मई, 2014 को सभी औद्योगिक संस्थानो को अपने आस-पास क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया मे स्थित गांवो मे निवासरत् आबादी को शुध्द पेयजल उपलब्ध कराने हेतु रिवर्स आस्मोसिस प्लांट(आर.ओ) स्थापित करने का निर्देश दिया था जिसके अनुपालन मे कुल 87 आर.ओ जनपद सोनभद्र के अलग अलग क्षेत्रो मे स्थापित किये गये थे परन्तु इन आर.ओ संयंत्रो से प्राप्त होने वाले शोधित जल से सम्पुर्ण आबादी को प्रति व्यक्ति 10 लीटर के हिसाब से शुध्द पेयजल की आपुर्ति नही हो पा रही थी व मात्र 10 प्रतिशत लोगो तक ही शुध्द पेयजल प्राप्त हो पा रहा था साथ ही साथ जल शुध्दिकरण की प्रक्रिया मे बडी मात्रा मे पानी बर्बाद हो रहा था व जिससे भुगर्भ जल भी प्रभावित हो रहा था इस विषय को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा द्वारा एनजीटी मे याचिका दाखिल की गयी थी जिसमे स्थापित 87 आर.ओ संयत्रो से प्राप्त होने वाले शुध्द पेयजल व क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया मे निवासरत् आबादी के लिये आवश्यक शुध्द पेयजल का आंकडा भी दाखिल किया गया था साथ ही पंकज मिश्रा ने एनजीटी द्वारा तपन चक्रवती की अध्यक्षता वाली गठित कोर कमेटी के सिंगरौली-सोनभद्र आगमन पर विन्ध्यनगर स्थित गेस्ट हाउस मे बैठक के दरम्यान सोनभद्र के पुरे क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया मे शुध्द पेयजल आपुर्ति न होने तथा केन्द्रीकृत जल शोधन संयंत्र स्थापित कर पाईप लाईन के माध्यम से घर-घर शोधित पेयजल की आपुर्ति की मांग को पुरजोर व मय तथ्यो के साथ रखा था जिसे गम्भीरता से लेते हुये कोर कमेटी ने अपनी अनुशंसा मे सम्मिलित किया व भविष्य मे आर.ओ संयत्रो के लगाये जाने पर रोक लगा दी थी जिस पर मुहर लगाते हुये एनजीटी ने 28 अगस्त, 2018 को आदेश पारित किया व कमेटी की इस अनुशंसा सहित अन्य के अनुपालन हेतु आदेश पारित कर सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायमुर्ति राजेश कुमार की अध्यक्षता मे हाईपावर ओवरसाईट कमेटी का गठन किया। कोर कमेटी द्वारा जनवरी, 2018 मे की गयी अनुशंसा के अनुपालन मे जिलाधिकारी-सोनभद्र द्वारा जनवरी, 2018 मे ही डीएमएफ के बजट से ग्राम औडी व अनपरा तथा कुलडोमरी मे पाईप लाईन से पेयजल आपुर्ति हेतु क्रमशः अनपरा व कुलडोमरी पेयजल समुह हेतु लगभग 82 करोड का बजट आवंटित किया था जिसका निर्माण कार्य प्रगति है परन्तु उर्जांचल के 6 कलस्टरो के गांवो मे पाईप लाईन से शोधित पेयजल आपुर्ति की कोई कवायद नही की गयी थी व ना ही उसके बाबत् सर्वेक्षण कराया गया था जिस मामले को पंकज मिश्रा द्वारा ओवरसाईट कमेटी के समक्ष पुनः 09 सितम्बर, 2019 को आयोजित बैठक मे उठाया गया जिसके पश्चात ओवरसाईट कमेटी के समक्ष जिलाधिकारी-सोनभद्र की ओर से भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भागीरथी परियोजना से छुटे हुये रेणुसागर, ककरी, बीना, खडिया, शक्तिनगर, अनपरा कलस्टर के ग्रामः-परासी, गरबन्धा, ककरी, रेहटा, बांसी, जमशिला, बरवानी, चन्दुआर,घरसडी, कौहरौल, कौहरलिया, मिसिरा, भैरवा, योगीचौरा, मर्रक, खडिया, चिल्काटांड,परसवार राजा,परसवार चौबे, रानीबारी, बडवाभटवारी, कोटा, बेलवादह व पिपरी को शामिल कर पाईप लाईन आधारित शोधित पेयजल आपुर्ति की परियोजना मे सम्मिलित करने का आश्वासन दिया था जिसके पश्चात बेलवादह ग्राम पेयजल समुह के अन्तर्गत ग्राम जोगेन्द्रा, रणहोर, रेहटा, बांसी, बरवानी, चन्दुआर, घरसडी, कौहरोल, मिसिरा, परसवार राजा, परसवार चौबे, पिपरी, बेलवादह, लभरी, मकरा, पाटी, खैरी, सेन्दुर तथा परासी ग्राम पेयजल समुह अन्तर्गत ग्राम ककरी, परासी, गरबन्धा, नकटी, परतलिया, जमशिला, कोहरौलिया, खडिया, कोटा, परसवार बाबु, बडवा भटवारी, जोगी चौरा, भैरवां, जोगिया, चिल्काटांड, रानीबारी को सम्मिलित कर भारत सरकार की भागीरथी योजना के अन्तर्गत कुल 289 करोड की लागत वाली विस्तृत पाईप लाईन आधारित पेयजल के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया पुर्ण कर ली गयी है व जिसका कार्य भारत की नामी-गिरामी कम्पनी एल एण्ड टी को मिला है जिसे दो वर्ष की निर्धारित समयावधि के अन्तर्गत निर्माण कार्य पुर्ण कर शोधित पेयजल आपुर्ति की बहाली करनी है। बेलवादह व परासी ग्राम पेयजल समुह परियोजना हेतु पानी का स्त्रोत रिहन्द जलाशय होगा तथा बेलवादह ग्राम पेयजल समुह की जल शोधन क्षमता 15 मिलियन लीटर डेली तथा लागत 146 करोड रुपये है तथा परासी ग्राम पेयजल समुह की जल शोधन क्षमता 25 मिलियन लीटर डेली की है इन परियोजनाओ की जल शोधन क्षमता वर्ष 2051 तक बढकर क्रमशः 25 मिलियन लीटर डेली तथा 38 मिलियन लीटर डेली हो जायेगी। जहां बेलवादह ग्राम समुह पेयजल परियोजना के निर्माण हेतु 200 किमी की पाईप लाईन बिछाया जाना प्रस्तावित है वही परासी ग्राम पेयजल समुह परियोजना के निर्माण हेतु 330 किमी की पाईप लाईन बिछाया जाना प्रस्तावित है। बेलवादह ग्राम पेयजल समुह परियोजना से वर्ष 2021 मे कुल 80,754 लोगो तक शोधित पेयजल की पाईप लाईन से आपुर्ति होगी तथा वर्ष 2051 तक 1,52,847 लोगो को पाईप लाईन के माध्यम से शोधित पेयजल उपलब्ध कराया जाना लक्षित किया गया है वही दुसरे और परासी ग्राम समुह पेयजल परियोजना से वर्ष 2021 मे 1, 38,961 व्यक्तियो को शोधित पेयजल की पाईप लाईन से आपुर्ति होगी वही वर्ष 2051 तक 2,97,366 लोगो तक शोधित पेयजल की आपुर्ति किया जाना लक्षित किया गया है। परियोजना के निर्माण के पश्चात रख रखाव व संचालन का कार्य भी दस वर्षो तक निर्माण कम्पनी एल एण्ड टी द्वारा ही किया जायेगा। उर्जांचल के गांवो मे शुध्द पेयजल आपुर्ति हेतु इस वृहद परियोजना की निविदा प्रक्रिया पुर्ण होने पर लम्बे समय से ककरी, परासी, गरबन्धा, रेहटा आदि मे पाईप लाईन परियोजना की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश दुबे, हरिनाथ खरवार, लक्ष्मीकांत दुबे आदि ने हर्ष जताया तथा कहा कि अब विश्वास है कि दो वर्ष की निर्धारित समयावधि मे उर्जांचल के लोगो को पाईप लाईन के माध्यम से शोधित पेयजल प्राप्त हो सकेगा और शुध्द पेयजल की समस्या से जुझ रहे उर्जांचल को इस समस्या का स्थाई समाधान मिल सकेगा।