पर्यावरण संरक्षण के लिए वन क्षेत्रों को संरक्ष्ति रखना बेहद जरूरी है-डीएम

सोनभद्र। सोनभद्र जिले में वन विभाग के अन्तर्गत पड़ने वाली सड़कों के निर्माण के लिए वन भूमि के हस्तान्तरण वन क्षेत्रों से जुड़ें सड़क व अन्य जन कल्याणकारी निर्माण कार्यों के लिए वन विभाग द्वारा दी जाने वाली आनापत्ति प्रमाण-पत्र/एनओसी के सम्बन्ध में वन विभाग पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र के सकारात्मक सहयोग करें। वन भूमि व पर्यावरण संरक्षण के साथ ही उत्तर प्रदेश शासन की महत्वकांक्षी विकास परक योजनाओं को भी मूर्त रूप देकर जन सामान्य के लिए सड़क, बिजली आदि से जुड़ी परियोजनाओं के लिए वन विभाग की अनापत्ति भी जरूरी है। उक्त निर्देश जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने बुधवार को वन क्षेत्रों के अन्तर्गत पड़ने वाली सड़कों, विद्युतीकरण आदि के सम्बन्ध में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बैठक में दियें। जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वन क्षेत्रों को संरक्षित रखना बेहद जरूरी है। साथ ही वन क्षेत्रों की सड़कों व विद्युतीकरण आदि के लिए वन विभाग की नियमानुसार अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाना भी जरूरी है। उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी वन्य जीव प्रभाग, प्रभागीय वनाधिकारी,सोनभद्र, रेनुकूट व ओबरा से सीधा/वीडियो कांफेंसिंग के जरिये संवाद करके नियमानुसार वन क्षेत्रों में बनने वाली सड़कों व विद्युतीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र व जरूरत के मुताबिक वन भूमि का हस्तान्तरण के सम्बन्ध में बिन्दुवार चर्चा की। बैठक में मुख्यालय से बाहर रहने वाले अधिकारियों से जूम ऐप के माध्यम से ऑन लाईन बैठक करके विस्तार से समीक्षा की और नियमानुसार औपचारिकताएं पूरी करते हुए समन्वय स्थापित कर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के निर्देश सम्बन्धितों को दिये। इस मौके पर जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह, डिप्टी कलेक्टर प्रकाश चन्द्र, प्रभागीय वनाधिकारीगण, अधिशासी अभियन्तागण सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।

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