रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र)थाना क्षेत्र के डोडहर गाँव के पास पुनर्वास नम्बर दो के रहवासियों के आवागमन की सुबिधा को देखते हुए एनटीपीसी ने एक गेट बनवाया है। लेकिन देश मे कोरोना महामारी को देखते हुए प्रबन्धन ने पिछले मार्च महीने से गेट में ताला लॉक कर के बन्द करा दिया है। जिसके कारण डोडहर सहित जरहा, मोखना , डूमरचुआ के लगभग 15 हजार की आबादी को परियोजना आवासीय परिसर में पहुँचने के लिए लम्बा चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसबाबत ग्राम प्रधान भागीरथी सहित सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन प्रभारी निरीक्षक श्यामबहादुर यादव को देकर सीएमडी , एनटीपीसी , जिलाधिकारी , सहित अन्य उच्चाधिकारियों से जनहित में उक्त गेट को खोलने की माँग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि 15 हजार की आबादी को परियोजना परिसर स्थिति बैंक , पोस्टआफिस , इंश्योरेंस , हॉस्पिटल, स्कूल सहित दैनिक जरूरत के तमाम कार्यो के लिए जहाँ लोग मात्र 01 किलो मीटर चलकर अपना कार्य कर लेते थे वहीं गेट में ताला बंद कर देने से लोगों को अब 06 किलो मीटर का चक्कर काट कर पहुँचने में काफी कठिनाई झेलनी पड़ रही है। बताया जाता है कि उपरोक्त गाँवों से परियोजना में कार्य करने वाले सैकड़ो श्रमिक प्रति दिन इसी गेट से आते जाते थे लेकिन जब से गेट बंद हुआ है तब से लोगो को दो जून की रोटी के जुगाड़ में जंगली रास्ते से होकर आनाजाना पड़ रहा है जो आम जन के लिए मुसीबत बना हुआ है। इसबाबत प्रधान भागीरथी का कहना है कि आवासीय परिसर के लिए एनटीपीसी ने 04 गेट बनाएं है जब कि शुरू से ही 03 गेट खुले हुए है मात्र एक गेट बंद करके प्रबन्धन अगर कोरोना वायरस को रोकने का दिखवा करना चाहते हैं तो ग्रामीण अब गेट खुलवाने के लिए धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।