—अनिल बेदाग—
मुंबई : सुशांत सिंह राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत ने अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों पर नए सिरे से ध्यान खींचा है। माहिरा शर्मा कहती हैं, “सुशांत की मौत एक जागृत आह्वान है कि मानसिक शांति महत्वपूर्ण है।”
माहिरा अच्छे सामाजिक समर्थन के महत्व को बताती हैं, जिसका अर्थ है दोस्तों, रिश्तेदारों, माता-पिता, गुरु या व्यवसाय की तलाश में मदद करना। वह कहती हैं,’गंभीर अवसाद बस यहीं नहीं रुकता है। माहिरा कहती हैं कि लोगों को अक्सर डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों जैसे पेशेवरों से मदद की आवश्यकता होती है और यह शर्म की बात नहीं है। याद रखें, आप कभी अकेले नहीं होते, इसलिए चुप रहने में तकलीफ नहीं होती।’ माहिरा लोगों से यह भी अपील करती है कि अगर वे किसी को असामान्य व्यवहार करते हुए देखते हैं, तो कृपया पहला कदम उठाएं और उनसे बात करें। यदि आप किसी को असामान्य व्यवहार करते हुए देखते हैं, तो उनके पास पहुंचें, उन्हें आराम दें और सबसे महत्वपूर्ण बात उन्हें सुनें।