जिले के2045 आंगनबाड़ी केंद्रों पर डिब्बाबंद दूध व कृतिम शिशु आहार देने पर लगी रोक

कोविड-19 के दृष्टिगत बाल विकास सेवा पुष्टाहार विभाग के निदेशक ने लगाई रोक
सोनभद्र।। बाल मृत्यु दर तथा कुपोषण को कम करने तथा कोविड-19 के दृष्टिगत जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती तथा धात्री माताओं एवं दो वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को मुफ्त में मिलने वाले डिब्बाबंद दूध व कृतिम शिशु आहार देने पर रोक लगाने का निर्देश प्रदेश के बाल विकास सेवा पुष्टाहार विभाग के निदेशक ने दी है।
निदेशक ने जारी पत्र में कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान धात्री महिलाओं नवजात शिशु एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर पर विशेष ध्यान दिया जाना है। ऐसे में प्रदेश सरकार बाल मृत्यु दर तथा कुपोषण को नियंत्रण करने हेतु प्रतिबद्ध है। यह विदित है कि 1 घंटे के अंदर स्तनपान ,6 माह तक सिर्फ स्तनपान तथा 6 माह पूर्व होने के उपरांत शिशु को मां के दूध के साथ ऊपरी आहार और 2 साल तक स्तनपान ही शिशु का सर्वोत्तम आहार है। उन्होंने यह भी कहा है कि मां का दूध शिशु के सर्वांगीण मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु अत्यंत आवश्यक है और छोटे बच्चों में डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।निदेशक ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्तनपान मोटापा एवं बाद में होने वाले उच्च रक्तचाप व दिल संबंधी रोगों को भी अपेक्षाकृत कम करता है। ऐसे में छ माह से पहले शिशुओं को डिब्बाबंद दूध या छ माह बाद डिब्बाबंद आहार देने से बच्चों में मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा यह सलाह दी गई है कि यदि कोविड-19 के दौरान मां स्तनपान कराने में सक्षम नहीं है तो दूध को कटोरी में निकाल कर चम्मच से पिला सकती है ।यदि ज्यादा बीमार है दूध नहीं निकाल सकती है तो स्तनपान कराने के लिए दूसरी महिला का सहयोग ले सकती है और प्रत्येक दशा में मुंह पर मास्क लगाते हुए हाथों को साफ रखना जरूरी है।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि बाल विकास सेवा पुष्टाहार विभाग के निदेशक के निर्देशानुसार जिले के 2045 आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को दिए जाने वाले डिब्बाबंद दूध तथा डिब्बाबंद आहार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान धात्री महिलाओं तथा नवजात शिशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ।यह समय ऐसा है की माताएं एवं परिवार तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं जिसके कारण दूध बनने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है और कई बार दूध का बहाव कमजोर हो सकता है ।महामारी के दौरान स्तनपान बाधित होने की संभावना अधिक होती है जिससे माता एवं परिवार के लोग आसान विकल्प की खोज में रहते हैं। इसके दृष्टिगत जिले के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाले डिब्बाबंद दूध डिब्बाबंद आहार पर रोक लगा दी गई है।

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