• प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सेक्टोरल नीति लागू करने की तैयारी -अपर मुख्य सचिव गृह
प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सेक्टोरल नीति लागू करने की तैयारी -अपर मुख्य सचिव गृह
• प्रदेश में 1744 एक्टिव केस, 1902 लोगों का हुआ सफल इलाज
• कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस
संजय द्विवेदी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा लैंड बैंक तैयार हो सकता है। प्रदेश में ग्रामीण प्रशासन से लेकर जिला स्तरीय प्रशासन के अधीन बहुत सी जमीनें खाली पड़ी हैं। ऐसी जमीनों को चिन्हित कर उसकी जानकारी उपलब्ध करा दी जाए जिससे वहां उद्योग लगाने का कार्य शुरू किया जा सके। सीएम येागी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार रेलवे मंत्रालय से लगातार संवाद स्थापित कर प्रवासी लोगों को वापस लाने का कार्य कर रही है। ऐसे में किसी को भी पैदल यात्रा नहीं करनी चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा अबतक 4 लाख से अधिक लोगों को वापस लाया गया है। अन्य को भी सुरक्षित लाने का हमारा प्रयास निरंतर जारी है। यह जानकारी बुधवार को लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को दी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ बैठक में अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देश दिया कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले कामगारों व श्रमिकों के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए। कुछ प्रकरणों में अधिकारियों द्वारा लोगों के साथ उचित व्यवहार न किए जाने का मामला सामने आया था। जिसपर सीएम योगी ने सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही सीएम योगी ने एक बार फिर प्रवासी कामगारों व श्रमिकों से पैदल यात्रा नहीं करने की अपील भी की है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि प्रदेश में बहुत बड़ा भूभाग है और इसमें बहुत बड़ा हिस्सा लैंड बैंक है। जो सरकारी जमीनों के रूप में हैं। यह जमीन चाहे राजस्व विभाग की हो, सिचाई विभाग हो, या उद्योग विभाग की हो। ऐसी जमीनों का चिन्हित करने का कार्य शुरू हो। ऐसी जमीनों को लैंड बैंक में परिवर्तित करते हुए इनपर उद्योग लगाने की व्यवस्था की जाए। इसी लैंड बैंक की कार्य योजना बनाने का आदेश सीएम योगी ने अधिकारियों को दिया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास पर बल देते हुए सीएम योगी ने औद्योगिक विकास विभाग को जल्द से जल्द सेक्टोरल नीति लाने का निर्देश दिया है। विभाग के अलग अलग सेक्टरों के लिए भी सेक्टोरल नीति बनाए जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कानपुर, मेरठ और आगरा में लॉकडाउन के सख्त पालन का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने इन तीन जिलों के चिकित्सा व्यवस्था को अपग्रेड करने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि बहुत से दूसरे राज्यों के लोग जो प्रदेश में रह रहे हैं और जिन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर अपने प्रदेश में जाने की इच्छा व्यक्त की है, ऐसे लोगों को भी उनके प्रदेश में ई पास जारी कर भेजने की तैयारी करने की जाए। ऐसे लोगों की संख्या करीब ढाई लाख है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गुजरात से 156 ट्रेनों से दो लाख, महाराष्ट्र से 38 ट्रेनों से 50 हजार, पंजाब से 50 ट्रेनों से 60 हजार, तेलंगाना से 4 ट्रेन से 5 हजार, कर्नाटक से 8 ट्रेनों से 10 हजार, केरल से 4 ट्रेनों से 5 हजार लोगों सहित कुल 268 ट्रेनों से 3 लाख 26 हजार 40 श्रमिकों व कामगारों की वापसी हुई है। उत्तर प्रदेश में अब 44 जिलों के स्टेशन को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि अबतक बस व ट्रेनों से 4 लाख लोग आए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेनों से आने वाले लोगों का स्टेशन पर ही मेडिकल जांच कराई जा रही है। इसके बाद उन्हें होम क्वारंटीन के लिए भेजा जा रहा है।
*प्रदेश में अबतक 1744 केस, 1902 हुए ठीक: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य*
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अब 1744 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 1902 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार से प्रदेश में एक्टिव केस कम हैं और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने का क्रम जारी है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कोरोना के 5405 सैंपलों की टेस्टिंग की गई। साथ ही मंगलवार को ही 1340 सैंपलों को मिलाकर 268 सैंपलों का पूल बनाकर टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग में 22 पूल पॉजिटिव मिले।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सर्विलांस में 71 हजार 916 टीम लगी रहीं। इन टीमों ने 2 करोड़ 96 लाख 90 हजार 794 लोगों की जांच भी किया।