जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से चन्द्र का छठें भाव में फल…..

धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से चन्द्र का छठें भाव में फल…..

यह भाव बुध और केतु से प्रभावित होता है। इस घर में स्थित चंद्रमा दूसरे, आठवे, बारहवें और चौथे घरों में बैठे ग्रहों से प्रभावित होता है। ऐसा जातक बाधाओं के साथ शिक्षा प्राप्त करता है और अपनी शैक्षिक उपलब्धियों का लाभ उठाने के लिए उसे बहुत संघर्ष करना पडता है। यदि चंद्रमा छठवें, दूसरे, चौथे, आठवें और बारहवें घर में होता है तो यह शुभ भी होता है ऐसा जातक किसी मरते हुए के मुंह में पानी की कुछ बूंदें डालकर उसे जीवित करने का काम करता है। यदि छठवें भाव में स्थित चंद्रमा अशुभ है और बुध दूसरे या बारहवें भाव में स्थित है तो जातक में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति पाई जाएगी। ठीक इसी तरह यदि चन्द्रमा अशुभ है और सूर्य बारहवें घर में है तो जातक या उसकी पत्नी या दोनो ही आंख के रोग या परेशानियों से ग्रस्त होंगे। राधेय शास्त्री ज्योतिष समाधान

उपाय

  1. अपने पिता को अपने हाथों से दूध परोसें।
  2. रात के समय दूध कभी भी न पिएं। लेकिन दिन के समय दूध उपयोग किया जा सकता है। रात के समय दही और पनीर का सेवन किया जा सकता है।
  3. दूध का दान न करें। केवल पूजा के धार्मिक स्थानों पर दूध दिया जा सकता है।
  4. जातक अस्पताल या श्मशान भूमि में कुआं खुदवाएं।
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