अन्नदाता के गेंहू की खरीद खेतो से करने की मांग,रवि प्रकाश चौबे

सोनभद्र।अन्नदाता किसान — सोनभद्र में गरीबों के नाम पर हर गाँव गली शहर में लंगर चल सकता है । मुफ्त अनाज बट सारी सुविधा मिल सकती है ।समाज सेवको सहित पुरा सरकारी अमला लग सकता है लेकिन जिसके दम पर यह सब हो रहा है ऐसे देव तुल्य अन्नदाता किसान गर्मी जाड़ा बरसात लुह के थपेडों को खाता बैको साहूकारो के कर्जो मजदूरों मशीनों की समस्याओं को झेल कर जब धान, गेहूँ सहित अन्य फसल तैयार करता है । क्या खलिहान दरवाजे से धान, गेहूँ की खरीद नही हो सकती अति पिछड़े गरीब आदिवासीं वनवासी बाहुल्य जिले का किसान आनलाईन रजिस्टेशन करायें इधर-उधर धक्का खांये अंत मे थकहार बिचौलियों को बेचे । अन्न पैदा करने में तो पसीने छुट ही रहे हैं। बेचने में भी धक्का खांये दर दर भटके उचित मुल्य भी न मिलें किसानों का हितैषी बताने वाले अधिकारियों को चुल्लु भर पानी में डूब मरना चाहिए शर्म आनी चाहिए ।
किसानों को अपने ऊपर हो रहे अत्याचार शोषण के कारण कुछ कड़े फैसले लेने की भी जरूरत है किसानो को अपना अनाज सरकार या बिचौलियों को बेचना बन्द करे सिर्फ जरूरतमंदो, गरीबों, असहायो कामगारों आम लोगों को ही देगें ।
पैसा नहीं रहेगा कोई बात नही पक्का घर नही बनायेंगे, कान्वेंट स्कूल में बच्चों को नही पढायेगे, दहेज न देगे न लेगें । बीमार होने पर गरम पानी देशी दवाईयों से उपचार करेगे आयुर्वेद का सहारा लेगे अस्पताल में नही जायेंगे यकीन मानिये किसानों को उनकी
ऊपज का लागत मुल्य भी मिलने लगेगा और दरवाजे पर खरीद भी ।

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