गरीब असहायों में बांटा गया लंच पैकेट

डाला।लॉक डाउन के दौरान कोटा ग्राम पंचायत के झपरहंवा टोला में गुरुवार की शाम युवा समाजसेवी विजय विश्वकर्मा ने सैकड़ों जरुरतमंद लोगों में भोजन पैकेट का वितरण किया।कोटा ग्राम पंचायत आदिवासी बहुल इलाकों में आता है जंहा दैनिक मजदूरों की तादात बहुसंख्यक है जिनके समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है जिसे देखते हुए उक्त क्षेत्र में शासन प्रशासन व तमाम समाजसेवी ,राजनैतिक संगठनों द्वारा कोई भी भुखा न रहे जिसे लेकर जरूरतमंद लोगों को चिन्हित कर राहत सामग्री व भोजन पैकेट मुहैया कराया जा रहा है।इस संकट की घडी़ में रामचरितमानस में तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई यह चौपाई कि परहित सरिस धरम नहीं दूजा चरितार्थ हो रही हैअर्थात प्रत्येक माता-पिता का कर्तव्य होता है कि वह अपनी संतान में ऐसे संस्कार पैदा करें कि वह आगे चलकर समाज का गौरव बने। परोपकार से बड़ा कोई दूसरा धर्म नहीं होता और परोपकार की कोई सीमा नहीं होती।संकट के समय आपातकाल में की गई भुखे प्यासे की निस्वार्थ मदद से बडा कोई परोपकार नहीं है ऐसे समय में किया गया सहयोग मानवीय रिश्ता को मजबूती प्रदान करता है।इस दौरान युवा समाजसेवी श्री विश्वकर्मा ने कहा कि आपत्तिकाल में अचानक की गई मदद परोपकार कहलाती है जिसके लिए हमें प्रतिफल की कामना नहीं होती यथासंभव आसपास गरीबों में भोजन देकर अपने आप में आत्मसंतुष्टि का सुंदर एहसास होता है।इस अवसर पर धर्मेंद्र सिंह, राजेश पटेल, श्रीनिवास यादव आदि मौजूद रहे।

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