डाला।आपत्ति काल व संकट की घड़ी में की गई मदद परोपकार कहलाती है असहायों कि सहायता करना मानव धर्म है। जिसके लिए हमें प्रतिफल की कामना नहीं होती, सच्चे मायने में वही परोपकार है।उक्त बातें लॉक डाउन में लगातार बारहवें दिन रविवार को गरीबों में भोजन सामग्री वितरित करते समय समाजसेवी मंगल जायसवाल ने कही।

कहा जाता है कि भूखे को भोजन कराना, प्यासे को पानी पिलाना परोपकार कि परिधि में आता है कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर हुए लॉक डाउन में जंहा जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, राजनीतिक व समाजसेवी संगठनो द्वारा गरीब, असहाय, मजदूरों, का पेट भरने के लिए प्यार, सदभावना, प्रेम, और त्याग का अनोखा मिश्रण देखने को मिल रहा है वंही लगातार दस दिनों से समाजसेवी मंगल जायसवाल द्वारा क्षेत्र के झपरहवां, डाला चढाई, धौंठा टोला, पतेरा टोला, मलीन बस्ती, कोलान बस्ती जैसे तमाम टोलों में घर घर जाकर भोजन सामग्री व भोजन पैकेट जरुरतमंद लोगों को दिया जा रहा है।
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