स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से घरेलू औषधि के रूप में उपयोगी जायफल…..
- चेहरे पर झाई धब्बे होने पर पत्थर पर पानी के साथ जायफल को घिसें और लेप तैयार कर लें। इस लेप को नेत्रों की तलकों पर और नेत्रों के चारों तरफ़ लगाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है, चेहरे की त्वचा की झाइयां और धब्बे आदि दूर होते है। लगातार कुछ दिनों तक लेप लगाना चाहिए।
- सर्दी और सिर दर्द गुनगुने पानी के साथ जायफल को पत्थर पर घिस कर इस लेप को नाक के ऊपर और कपाल पर लगाने से सिर दर्द और सर्दी में आराम होता है।
- प्यास और वमन अजीर्ण होने पर बार – बार प्यास लगती है और वमन होती है। जायफल का चूर्ण 10 ग्राम एक लिटर उबलते पानी में डालें और ढक कर रख दें। ठण्डा होने पर इसे थोड़ी – थोड़ी मात्रा में दिन भर पिलाने से प्यास का शमन होता है और वमन होना बन्द हो जाता है।
- कमर दर्द प्राय: प्रसव के बाद स्रियों को कमर में दर्द होने लगता है। जायफल को शराब में घिस कर लेप बनाएं और कमर पर लेप लगाएं और बंगला पान नें जायफल का चूर्ण एक ग्राम डाल कर खिलाएं। इससे कमर दर्द में आराम होता है।
- श्वास कष्ट शिशु की छाती में कफ जमा हो जाने पर उसका श्वास फूलने लगता है। जायफल को पानी में घिस कर लेप तैयार करें। इसे थोड़ा कुनकुना गर्म करके शिशु की छाती और पीठ पर लेप करके, कपड़ा गर्म करके थोड़ी देर सेक कर दें। शिशु का श्वास कष्ट दूर हो जाएगा।
- शिशु को सर्दी शिशु को सर्दी जुकाम हो जाए तो जायफल और सोंठ को गाय के घी के साथ पत्थर पर घिस लें। इसे दिन में तीन बार, अंगुली से शिशु को चटाएं। सर्दी ठीक हो जाएगी।
- मुंह के छाले जायफल को तोड़ कर पानी में उबाल कर ठण्डा कर लें। इस पानी से कुल्ले करने से छाले अच्छे हो जाते हैं।