जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से धन संबंधित उपायों की सम्पूर्ण व्याख्या……

धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से धन संबंधित उपायों की सम्पूर्ण व्याख्या…...

होली पर धन प्राप्ति के सरल उपाय…….

पिछली पोस्ट में आपने उपाय संबंधित नियम एवं निर्देशो को जाना था आज हम आपको होली पर किये जाने वाले उपायों के बारे में जानकारी देंगे। आपने पहले कभी ऐसा लेख नही देखा होगा जिसमें उल्लेख हो कि होली पर माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। अभी तक प्रतीक लेखों में दीपावली पर ही माँ लक्ष्मी संबंधित उपायों की जानकारी दी जाती रही है। होली पर आगे दिए जा रहे उपायों में से कोई भी उपाय कर आप लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त कर सकते है।

उपाय १ यदि आप आर्थिक संकट में है तो होली की रात्री में सर्वप्रथम निवास के पूजा स्थल में माँ लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष रोली में लाल गुलाल मिलाकर माँ को तिलक करें इस दौरान माँ लक्ष्मी के किसी भी मंत्र का यथा सामर्थ्य जप करें इसके बाद निवास अथवा व्यावसायिक स्थल की एक कील के ऊपर कलावा (मौली) बांधकर जिस स्थान पर होली जलनी है वहाँ मिट्टी में दबा दें अगले दिन उस कील को निकाल कर मुख्य द्वार के बाहर की मिट्टी में दबा दें। इस उपाय के प्रभाव से आपके निवास अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नकारत्मक शक्ति का प्रवेश नही होगा।

विशेष यदि कील को होली जलने वाले स्थान पर दबाना संभव ना हो तो जब होली जल जाए तो उसकी राख लाकर किसी मिट्टी के पात्र में रख कर इस राख के नीचे कील को दबा दें ध्यान रहे राख को घर से बाहर ही सुरक्षित स्थान पर रखें दूसरे दिन राख में से कील निकाल ऊपर बताये अनुसार ही प्रयोग करें एवं होली की राख को जल में प्रवाहित कर दें।

उपाय २ आपके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई कर्ज है अथवा आय में कमी है तो होली की रात्रि में जहाँ होली जलनी है वहां की जमीन में छोटा सा गद्दा खोद कर उसमे ५ अभिमंत्रित गोमती चक्र व इतनी ही कौड़िया दबा दें साथ ही हरे गुलाल से गड्ढे को भर के ऊपर से मिट्टी डाल दें। गड्ढे के ऊपर एक पान का पत्ता रखकर उस पर पीला गुलाल, एक सिक्का, एक छोटी कील और सुपारी रखें अब जब होली जले तब एक पान के पत्ते पर एक बताशा, एक जोड़ी लग्न घी में डुबोकर, एक बड़ी इलायची, काले तिल, पीली सरसों, एक सुपारी व एक गुड़ की डली रख कर पीला गुलाल छिड़क दें और दूसरे पान के पत्ते से ढक दें उस के ऊपर ७ गौमती चक्र रखें और होली की सात परिक्रमा करते हुए प्रत्येक परिक्रमा में निम्न मंत्र का जाप करते हुए एक गौमती चक्र होली में डालते जाएं।

मंत्र फ्रीम फ्रीम अमुक (जिसका कर्ज देना है) कर्ज विनशयते फट स्वाहा।

यहाँ अमुक के स्थान पर कर्जदार का नाम लें परिक्रमा पूर्ण होने पर प्रणाम कर वापस आ जाये। अगले दिन होली जलने वाले स्थान पर जाकर सर्वप्रथम गड्ढे के निकट ३ अगरबत्ती दिखाकर गड्ढे से सारी सामग्री निकाल लें इसमे कुछ सामग्री जल भी सकती है। सामग्री के साथ उस स्थान की थोड़ी मिट्टी भी ले लें और सारी सामग्री के साथ मिट्टी को किसी नीले कपड़े में लाल गुलाल के साथ बांधकर पोटली को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहित कर दें इस उपाय से कुछ ही समय मे कर्ज मुक्ति के मार्ग खुलने लगेंगे।

विशेष होली जलने के बाद वहाँ दबी सामग्री आपको शायद ना भी मिले ऐसी स्थिति में परेशान होने की आवश्यकता नही है। आप केवल राख प्राप्त करें और ऊपर बताई सामग्री पुनः राख में रख पोटली बनाकर जल में प्रवाहित करें।

उपाय ३ यदि आपको लगता है आपको मेहनत के अनुसार लाभ अथवा सुविधाए नही मिलती है तो होली से पहले किसी सुनार से मिलकर उससे अपनी मध्यमा उंगली के माप के छल्ले के लिये ५०% चांदी, ३०% लोहा एवं २०% पीतल के अनुसार तीन धातुएँ ले और होली जलने से पहले उस स्थान पर ईशान कोण में गड्ढा खोदकर लाल गुलाल के साथ तीनो धातुएँ और ११ लौंग भी दबा दें और गद्दा बन्द करके ऊपर से पीले गुलाल से स्वस्तिक बना कर होली की पूजा करे होलिका दहन होने के बाद एक पान के पत्ते पर कर्पूर, थोड़ी हवन सामग्री, शक्कर, शुद्ध घी में डुबोकर लौंग का जोड़ा, काले तिल और पीली सरसों रखें व दूसरे पान के पत्ते से उस पत्ते को ढक दें और जिस स्थान पर आपने धातुएँ दबाई है उस स्थान से ही परिक्रमा आरम्भ करें प्रत्येक परिक्रमा में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करते हुए होली की अग्नि में एक बताशा डालते जाए सात परिक्रमा होने पर पान के पत्ते की सारी सामग्री होली में अर्पित कर दें तथा प्रणाम कर वापस आ जाएं। अगले दिन नए पान के पत्ते वाली सामग्री पुनः ले जाकर जो धातुएँ दबाई है उन्हें निकाल लें तथा पान के पत्ते की सामग्री गड्ढे में रकह कर लाल गुलाल से गड्ढा भर के उसके ऊपर ३ अगरबत्ती जला दें और प्रणाम कर आ जाये अब किसी सुनार से तीनों धातुओं को मिलाकर अपनी मध्यमा उंगली की नाप का छल्ला बनवाकर १५ दिन बाद आने वाले शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन धारण करें जब तक आपके पास यह छल्ला रहेगा तब तक आर्थिक समस्या बनने पर भी परेशान नही करेंगी।

विशेष 👉 अगर होलिका दहन के स्थान पर धातु दबाना सम्भव ना हो तो इसे भी होलिका की राख लाकर दबा दें लेकिन घर के बाहर ही रखें इसके बाद समस्त क्रिया ऊपर बताये अनुसार ही करे और अगके दिन तीनो धातु निकाल कर छल्ला बनवालें और ऊपर बताये अनुसार ही धारण करें। यदि सम्भव हो तो ऊपर बताये अनुसार उपाय करने का प्रयास करें यह ध्यान रहे तीनो धातुओं का अगले दिन मिलना आवश्यक है यदि धातुएँ दबाई जगह नही मिली तो उपाय विफल हो जाएगा।

Translate »