*सरकार चाहे तो काशी बन सकता है कला व कलाकारों का केंद्र*- अमरजीत
*योगी सरकार मे चुस्त दुरुस्त कानून व्यवस्था देखकर फ़िल्म निर्माता यूपी आने को लालायित-अमरजीत मिश्र*
*प्राकृतिक सुषमा से सुसज्जित है यूपी,कम खर्चे में बन सकती हैं अच्छी फिल्में-अमरजीत मिश्र
मुम्बई।फ़िल्मसिटी के पूर्व उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र ने दुख व्यक्त किया कि उत्तरभारत के लोग अपने अभिनेता को उतना सहयोग व समर्थन नहीं करते,जितना दक्षिण के लोग अपने हीरो को समर्थन देते हैं।काशी में तीन दिनों तक चले फ़िल्म फेस्टिवल के समापन समारोह मे श्री मिश्र ने कहा कि भारतीय फिल्मों के जनक दादासाहेब फालके के जीवन में काशी का बड़ा योगदान रहा है।श्री फाल्के ने अपने अज्ञातवास के दौरान 6 वर्षों तक काशी में रहकर नाटक लिखा था।
वाराणसी के राजेन्द्र प्रसाद घाट पर यूपी इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में उत्तरप्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी,स्टाम्प व राजस्व मंत्री रविन्द्र जायसवाल,महाराष्ट्र के पूर्व राज्यमंत्री अमरजीत मिश्र,विधान परिषद् सद्स्य अशोक धवन की उपस्थिति में फ़िल्म निर्देशक सावन कुमार,तिग्मांशु धुलिया,अनिल शर्मा,संगीतकार श्रवण जैसे दिग्गजों का सम्मान हुआ।वूंडेड व बीहड़ जैसी फिल्मों के निर्माता कृष्णा मिश्र ने इसका आयोजन किया था।योगी सरकार के सहयोग से यह अद्भूत आयोजन हुआ।जिसमे देश विदेश की ख्यातिनाम फिल्मी हस्तियों ने शिरकत की।कई देशों की फिल्में फेस्टिवल में शामिल हुई।पहली बार खुले सभागृह में फिल्मों का प्रदर्शन हुआ।
उत्तरप्रदेश में फ़िल्म निर्माण की संभावनाओं के संदर्भ में श्री मिश्र ने कहा कि प्राकृतिक सुषमा से सुसज्जित है यूपी,कम खर्चे में बन सकती हैं अच्छी फिल्में।
श्री मिश्र ने कहा कि सांस्कृतिक व धार्मिक केंद्र होने के साथ साथ कला का भी केंद्र बनने का सामर्थ्य काशी में है।हर गली में संगीतकार व गायक हैं।कलाकारों की इस नगरी को फ़िल्म की नागरी भी बनाई जा सकती है।उत्तरप्रदेश के मंत्री श्री तिवारी व श्री जयसवाल की उपस्थिति में श्री मिश्र ने कहा कि सरकार काशी को कला का भी केंद्र बनाने की पहल करे।श्री मिश्र की मांग पर मंत्रीद्वय ने हरसंभव कोशिश का आश्वासन दिया।और फ़िल्म निर्माताओं व निर्देशकों को उत्तरप्रदेश में शुटिंग के लिए आमंत्रित किया।
उन्होने कहा कि सरकार चाहे तो काशी बन सकता है कला व कलाकारों का केंद्र।उन्होने यह भी कहा कि योगी सरकार मे चुस्त दुरुस्त कानून व्यवस्था देखकर फ़िल्म निर्माता यूपी आने को लालायित हैं।