मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा धान खरीद घोटाले का मामला

सोनभद्र(सीके मिश्रा/शिव प्रकाश पाण्डेय)
पू0न0नि0मंच के अध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा कर सोनभद्र जनपद मे खरीदे गए धान का भौतिक सत्यापन कराने तथा खरीद के अनुसार किसानों का भी भौतिक सत्यापन कराने की मांग की ।

श्रीकांत त्रिपाठी ने शिकायत पत्र के माध्यम से बताया कि धान खरीद वर्ष 2019-20 मे क्रय केंद्र पर किसानों से सीधा धान खरीद ना करते हुए पहले राइसमिलर्स तथा क्रय केंद्र प्रभारियों द्वारा फर्जी किसानों की खतौनी दिखा कर धान खरीद के लिए आवंटित पैसे का कागजी खानपुर्ती कर भुगतान करा लिया गया और धान की भौतिक आपूर्ति भुगतान कराये गये पैसे से बिचौलिएयों के माध्यम से कराया जा रहा है । श्री त्रिपाठ ने कहा कर्मचारी कल्याण निगम के तर्ज पर कागजों पर धान चतरा, नगवां, रावर्टसगंज सहित सभी क्रय केंद्र पर बड़ी मात्रा मे खरीदा गया है । और दावा किया कि जनपद मे एक लाख कुंतल धान से ज्यादा धान बिचौलियों के माध्यम से खरीदी करा कर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी तथा राइसमिलर्स द्वारा जनपद के किसानों का भरपूर आर्थिक शोषण करते हुए करोडो रुपये की लूट की गई है। श्रीकांत त्रिपाठी ने कहा कि धान खरीद की धांधली मे धान खरीद जिला प्रभारी तथा जिलाविपणन अधिकारी की प्रमुख भूमिका है । यदि जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन किया गया होता तो सोनभद्र के किसानों को मजबूर होकर 1300-1400 रुपए कुंतल धान ना बेचना पड़ता । जबकि सरकारी दर 1835 रुपए प्रति क्विंटल है धान का। पूर्वांचलनवनिर्माणमंच के उपाध्यक्ष गिरीश पाण्डेय ने कहा किसानों के उपज को लूटने के साथ साथ अधिकारी क्रय केंद्र पर लाखों रुपए किसानो की व्यवस्था तथा लेबर, ट्रांसपोर्ट के नाम पर डकार गये । कहा की जब कागज पर ही खरीद किया गया तो सरकार द्वारा क्रय केंद्र पर लेबर, पललेदार, किसान को छाया, अलावा, धान ट्रांसपोर्ट आदि के लिए आने वाले पैसा भी कागजों पर ही खर्च कर बंदरबांट कर लिया गया । गिरीश पाण्डेय ने कहा कि सरकार की मंशा के खिलाफ सोनभद्र मे किसानों को भरपूर लूटा गया है जिसे पूर्वांचल नव निर्माण मंच बर्दाश्त नही करेगा । मंच सोनभद्र के किसानों के लुटेरों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है। यदि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बावजूद जांच तथा कार्रवाई नही की गई तो सोनभद्र के किसानों के साथ लखनऊ मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा । जिसके लिए शासन-प्रशासन होंगे जिम्मेदार।

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