आपत्तिजनक पोस्टों व वायरल संदेशों की कड़ी निगरानी के लिए सोशल मीडिया सेल सक्रिय
लखनऊ।. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान बीते दिसंबर में यूपी में हिंसा के बाद अभी शांति का माहौल बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार एक बार फिर से लखनऊ में माहौल खराब होने की आशंका जताई जा रही है। सीएए के विरोध में दिल्ली में हिंसा के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज पर प्रदेश में यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर है। दिल्ली से सटे जिलों में विशेष सतर्कता है जबकि अन्य जगहों पर भी पुलिस फोर्स काफी मात्रा में मुस्तैद है।
सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान प्रदेश में हुई हिंसक घटनाओं में लगातार कार्रवाई कर रही पुलिस के सामने एक बार फिर सुरक्षा-व्यवस्था बड़ी चुनौती की घड़ी सामने आई है। दिल्ली में हुई हिंसा की चिंगारी उत्तर प्रदेश में न फैले इसे लेकर सभी संवेदनशील जिलों में प्रशासन द्वारा अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस हाई अलर्ट मोड में है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने एडीजी, आइजी व डीआइजी स्तर के कई अधिकारियों को अलग-अलग जिलों में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारी उन जिलों में कैंप कर रहे हैं। एडीजी अविनाश चंद्र को अलीगढ़, एडीजी प्रशांत कुमार को मेरठ, आइजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी को गाजियाबाद, आइजी रमित शर्मा को संभल, आइजी ज्योति नारायण को बुलंदशहर व हापुड़, आइजी लक्ष्मी सिंह को मुजफ्फरनगर व डीआइजी जे.रविंद्र गौड को बिजनौर की मॉनीटरिंग तथा कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
*22 से अधिक जिलों में खुफिया तंत्र की सक्रियता बढ़ाई गई*
प्रदेश में दिल्ली की सीमा से सटे जिलों के अलावा उन स्थानों पर भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है, जहां पहले भी सीएए के विरोध में हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं। गाजियाबाद, नोएडा, बागपत व बुलंदशहर के अलावा लखनऊ, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़, मऊ, कानपुर नगर, संभल, बरेली समेत 22 से अधिक जिलों में खुफिया तंत्र की सक्रियता भी बढ़ा दी गई है। प्रदेश में 20 व 21 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा की घटनाओं के बाद चिह्नित उन सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस व पीएसी की तैनाती के निर्देश हैं। ताकि किसी प्रकार की कोई घटना न घटे।
*हिंसा की घटनाओं को लेकर 450 से अधिक मुकदमे दर्ज*
डीजीपी मुख्यालय में सोशल मीडिया सेल को भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपत्तिजनक पोस्टों व वायरल संदेशों की कड़ी निगरानी की जा रही है। प्रदेश में सीएए के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर 450 से अधिक मुकदमे दर्ज कर जांच चल रही है। पुलिस ने इसी कड़ी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) व उनके सहयोगी संगठनों के कई सक्रिय सदस्यों पर शिकंजा कसा है। ऐसे आरोपितों पर भी नजर रखी जा रही है, जिनके खिलाफ पुलिस ने बीते दिनों निरोधात्मक कार्रवाई की थी और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा था। प्रदेश शासन के साथ पुलिस की टीम किसी भी अनहोनी को लेकर बेहद सतर्क है। इसकी जोरदार तैयारी भी की गई है।