ऐसे में कोर्ट संरक्षण नही दे सकती
प्रयागराज 25 फरवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादीशुदा होकर लिव इन रिलेशन में रह रही तीन बच्चों की माँ को सुरक्षा व संरक्षण देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि बिना तलाक दिये पति या पत्नी से अलग होकर लिव इन रिलेशन में रहने वालों को कोर्ट संरक्षण नही दे सकती। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने अखिलेश व जितेन्द्र की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि याची अखिलेश की शादी रामपुर के धुलिका धरमपुर के जगतपाल के साथ हुई। इनके तीन बच्चे हैं। पति के शराब पीकर मारपीट करने व कमा कर लाने को कहने से आजिज याची ने मुरादाबाद के पहले से शादीशुदा जितेन्द्र के साथ रहने लगी।
श्रीमती अखिलेश ने कोर्ट को बताया कि वह जितेन्द्र के साथ लिव इन रिलेशन में है। उसे धमकाया जा रहा है। जितेन्द्र ने पूछने पर कोर्ट से कहा कि उसकी मर्जी के खिलाफ परिवार वालो ने उसकी शादी की है। वह याची के साथ रह रहा है कोर्ट ने कहा कि बिना तलाक दिये पति या पत्नी को छोड़कर दूसरे के साथ लिव इन रिलेशन में रहना अवैध है। ऐसे में कोर्ट संरक्षण नही दे सकती।
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