रामजियावन गुप्ता/बीजपुर (सोनभद्र) म्योरपुर ब्लॉक के जरह न्याय पंचायत में दर्जन भर गाँवो में खाते के संचालन पर रोक लगने के कारण गाँवो में विकास का पहिया थम गया है। ग्राम पंचायतों में मनरेगा में मजदूरी करने वाले श्रमिको के समक्ष भुखमरी की स्थिति उतपन्न हो गयी है जिसके कारण श्रमिको का गावो से अब पलायन शुरू हो गया है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव मोबाइल बन्द करके मुँह छिपाते घूम रहे हैं। बताया जाता है कि लंबे समय से खाता संचालन में शासन से रोक है इसके लिए अब डोंगल प्रक्रिया के तहत सारे भुगतान की बात करते हुए अधिकारी रोज रोज नई नई समस्या बता रहे है। जब कि ग्राम प्रधानों का कहना है कि बिगत 06 महीने से उनको मिलने वाला 3500 रुपये वेतन का भी भुगतान नही किया गया है। इलाके के ग्राम प्रधान सीताराम, श्रीराम बियार, शंकर दयाल , संगीता देवी , श्यामलाल , मेवालाल सहित दर्जनों का कहना है कि सरकारी खाते का संचालन बन्द होने से कर्जदार पीछे पीछे घूम रहे हैं सचिव प्रति दिन नए नए तकनीकी समस्या को बता कर अब पीछा छुड़ाने लगे है।अधिकांश ग्राम प्रधानों का कहना है कि इससे अच्छा था कि कहीं काम धंधा करते तो बाल बच्चो के स्कूल फीस और घर खर्चे के लिए इतना परेशान नही होते। लोगो का कहना है कि जब से डोंगल लगा है तब से गावो में हैंड पंप बनवाने के लिए लोग लाले पड़े है मिस्त्री बगैर पैसे पाए काम नही कर रहे हैं। बताया जाता है कि मजदूरों का जो पिछला बकाया है उसके लिए अलग से तकादा झेलना पड़ रहा है डोंगल कब चालू होगा उनको उनकी मजदूरी कब मिलेगी यह भविष्य के गर्त में है। बकायेदार जब सचिव को फोन करते हैं तो अब लोग फोन उठाना उचित नही समझते जिसके कारण गाँवो में श्रमिक , सप्लायर, और ग्रामीण सब परेशान है ग्राम प्रधानों का आरोप है कि इतने बड़े एक ब्लाक में 65 गाँवो को भुगतान करने के लिए मात्र एक आपरेटर रक्खा गया है जिसके कारण यह समस्या उतपन्न है।उधर इसबाबत खण्ड विकास अधिकारी श्रवण कुमार राय से जब जानकारी मांगी गई तो उन्हों ने कहा कि समस्या तो है डोंगल प्रक्रिया नया है चालू भी हुआ है परंतु पूर्ण रूप से काम नही कर रहा है जिसके कारण यह समस्या उतपन्न है।