केंद्र व्यवस्थापकों पर पारदर्शी परीक्षा कराने की बड़ी जिम्मेदारी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड की बोर्ड परीक्षाएं मंगलवार 18 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं। परीक्षार्थियों के लिए अब कुछ ही घंटों का समय बचा है जब एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा में हिस्सा लेंगे। परीक्षा केन्द्रों पर की गई सख्ती जहां नकल माफियाओ के लिए मुसीबत का सबब है। वही नकल विहीन परीक्षा कराना केंद्र व्यवस्थापकों की बड़ी जिम्मेदारी भी है।बोर्ड की परीक्षाओं को नकल विहीन और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। बोर्ड परीक्षाओं में लगातार बढ़ रही सख्ती के चलते परीक्षार्थियों की संख्या में कमी आई है। इस बार बोर्ड परीक्षा में पिछले साल की परीक्षा की तुलना में 1,88,638 परीक्षार्थी कम हुए है।
सूबे में योगी सरकार बनने के बाद बोर्ड की परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने कम समय में पूरा कराने के लिए तमाम प्रयास यूपी बोर्ड की तरफ से किये जा रहे है। परीक्षा कक्षा में सीसीटीवी कैमरा और वॉइस रिकॉर्डर लगाने के बाद अब ब्रॉडबैंड राउटर से जोड़ा गया है। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर सख्ती के लिए परीक्षा केंद्रों पर एसटीएफ एलआईयू और पुलिस की भो मदद ली जा रही है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से मिली जानकारी के अनुसार यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार 56 लाख 7 हजार 118 परीक्षार्थी प्रदेश भर में बनाए गए 7784 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देंगे। जबकि पिछली बार प्रदेश में 8354 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस बार की परीक्षा में हाईस्कूल में 30 लाख 22 हजार 607 परीक्षार्थी तो इंटरमीडिएट में 25 लाख 84 हजार 511 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं। जबकि पिछले साल हाई स्कूल में 31 लाख 92 हजार 587 परीक्षार्थी और इंटरमीडिएट में 26 लाख 3 हजार 169 परीक्षार्थी बैठे थे। परीक्षार्थियों की संख्या के मुताबिक इस साल 1 लाख 88 हजार 638 परीक्षार्थी कम सम्मिलित हो रहे हैं। इस बार हाईस्कूल की परीक्षा है 12 दिन पर इंटर की परीक्षाएं 15 दिन तक चलेगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं दो पारियों में संपन्न कराई जाएंगी।