समर जायसवाल –
14 फरवरी के दिन जहाँ देश में कुछ युवा वैलेंटाइन डे के रूप में प्रेम का पर्व मनाते हैं, वहीं अटेवा द्वारा आज ही के दिन पुलवामा में शहीद हुए वीर जवानों की याद में दुद्धी में श्रद्धांजलि व कैंडल मार्च निकाला गया।ज्ञातव्य है कि अन्य सभी कर्मचारियों की भाँति ही देश के वीर योद्धाओं अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी पुरानी पेंशन से वंचित रखा गया है। अटेवा सभी विभागों के शिक्षक/कर्मचारियों के पुरानी पेंशन बहाली के लिए सतत संघर्षरत है।कार्यक्रम के प्रारंभ में बीआरसी, दुद्धी में सर्वप्रथम शहीदों की याद में दीप प्रज्वलित किया गया।जिसमें वरिष्ठ शिक्षकों के क्रम में सर्वश्री शैलेश मोहन,नीरज कन्नौजिया, मो0 यूसुफ,रामरक्षा, सुनील पाण्डेय,सदानन्द मिश्र, जितेन्द्र चौबे,मनोज यादव,बिहारी लाल,अरुण राय, भोलानाथ तथा अन्य शिक्षकों/शिक्षिकाओं ने पुष्पांजलि व दीप प्रज्ज्वलन कर पंक्तिबद्ध होकर हाथ मे मोमबत्ती लेकर बीआरसी से शिवाजी तालाब के लिए जुलूस के रूप में रवाना हुए।सैकड़ों शिक्षकों के हुजूम ने आदर्श अनुशासन व एकता की मिसाल प्रस्तुत करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से कैंडल मार्च निकाला।इस मार्च में पुलिस प्रशासन का भी खासा सहयोग रहा। अंत में शिवाजी तालाब पर पहुंच कर सभा के रूप में तब्दील होकर सभी ने वक्ताओं की बातें सुनीं।वक्ताओं के क्रम में श्री शैलेश मोहन ने कहा कि पेंशन ही बुढ़ापे का सहारा है।यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी विभागों की भांति ही देश के जवानों,पुलिस आदि को भी इससे वंचित कर दिया गया।अगले वक्ता जितेंद्र चौबे ने कहा कि पुरानी पेंशन हर कर्मचारी का हक़ है।
अपने हक की लड़ाई के लिए हमेशा तैयार रहें।अविनाश गुप्ता ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया के युग में लोग अति व्यस्त हो गए हैं, किन्तु ऐसे संघर्ष के लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा एवं खुद आगे आना होगा।अंत में नवनिर्वाचित अटेवा अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि आप सभी लोगों का सहयोग के लिए हार्दिक आभार है।अटेवा सभी विभागों, सभी कर्मचारियों के लिए संघर्षरत है। पुरानी पेंशन बहाली ही एकमात्र हमारा लक्ष्य है।इस अवसर पर राजेश कुमार,लोकपति वर्मा,ब्रह्मदेव, वरुण यादव, राकेश शर्मा,मिथिलेश,आनन्द त्रिपाठी, अजीत, विनोद,बृजेश मौर्य, अनिल यादव,मुन्ना गुप्ता,कुलदीप चक्रवाल,श्रुतिसागर मिश्र, हृदय गिरि, गुणाकर पांडेय, शिवम शुक्ला,अशोक चौधरी,मोनिका सिंह,पूजा गुप्ता,आरती,उमाशंकर,सुरेश,संजीव,विवेक,आशुतोष मिश्र,अनुज आदि सैकड़ों शिक्षक,शिक्षिकाएँ उपस्थित थे।