राज्यपाल ने विधान मण्डल के दोनों सदनों के
समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया
रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश का
सर्वांगीण विकास ही मेरी सरकार की प्राथमिकता: राज्यपाल
राज्य सरकार जनकल्याण के लिए समर्पित, सुविचारित नीतियों
से उ0प्र0 में एक ऐसा वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध,
जहां से समृद्धि और विकास के अनेक पथ प्रशस्त होते हैं
सरकार की नीतियों एवं योजनाओं का लाभ समाज
के अन्तिम पायदान तक पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित
विभिन्न योजनाओं को लागू करने में उ0प्र0 को प्रथम स्थान प्राप्त
ज़ीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाकर प्रदेश में अपराधमुक्त, भयमुक्त
व अन्यायमुक्त वातावरण तथा कानून का राज स्थापित किया
महानगरीय क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से
प्रथम चरण में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू
कृषि आय को 05 वर्षाें के भीतर दो-गुना करने के
उद्देश्य से फसलों की नयी प्राॅक्योरमेंट पाॅलिसी लागू
अब तक 86,700 करोड़ रु0 का गन्ना मूल्य भुगतान
पिछले 3 वर्षों में कौशल विकास मिशन द्वारा 5.54 लाख युवाओं
को प्रशिक्षित व 2.05 लाख युवाओं को सेवायोजित किया गया
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा
अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, वाराणसी में
देव दीपावली तथा बरसाना में रंगोत्सव का आयोजन
लखनऊ: 13 फरवरी, 2020।उत्तर प्रदेश की
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने आज यहां उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के दोनों सदनों के वर्ष 2020 के प्रथम सत्र के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार जनकल्याण के लिए समर्पित है और सुविचारित नीतियों से उत्तर प्रदेश में एक ऐसा वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां से समृद्धि और विकास के अनेक पथ प्रशस्त होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपने हर मिशन, हर संकल्प को जनता के सहयोग से पूरा कर रही है। शीघ्र ही वित्तीय वर्ष 2020-21 का आय-व्ययक सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश की आम जनता के हित में सभी सदस्यगण राज्य सरकार का सहयोग कर जनआकांक्षाओं को पूरा करने में अपना बहुमूल्य योगदान करेंगे।
राज्यपाल जी ने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश का सर्वांगीण विकास ही मेरी सरकार की प्राथमिकता है। सुशासन की परिकल्पना, जनकल्याण एवं जनविश्वास के माध्यम से ही पुष्पित एवं पल्वित होती है। इसलिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति अपनाते हुए समाज के सभी वर्गाें का सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक विकास सहित सर्वांगीण विकास कार्यक्रम अनवरत जारी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयन्ती वर्ष में 02 अक्टूबर, 2019 को विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया, जिसमें 36 घण्टे अनवरत चर्चा कर राष्ट्रपिता के उच्च आदर्शाें का पालन करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया। इसी प्रकार, भारत के संविधान मंे उल्लिखित समाज के सभी वर्गाें के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक विकास के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से संविधान के महान शिल्पकार डाॅ0 भीमराव रामजी आंबेडकर की स्मृति में संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवम्बर, 2019 को विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया।
राज्यपाल जी ने कहा कि सरकार की नीतियों एवं योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान तक पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें से विभिन्न योजनाओं को लागू करने में उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री ग्रामीण एवं शहरी आवास योजना में 27.58 लाख आवास स्वीकृत व 17 लाख से अधिक आवास निर्मित कर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। इसी प्रकार, 86,700 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान कर, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 01 करोड़ 47 लाख परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान कर, ग्रामीण क्षेत्रों में 02 करोड़ 61 लाख परिवारों को शौचालय देकर, सौभाग्य एवं अन्य योजनाओं में 01 करोड़ 24 लाख से अधिक विद्युत कनेक्शन देकर उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं आम आदमी बीमा योजना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना, दूध, चीनी, गन्ना व आम उत्पादन तथा अटल पेंशन योजना में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
राज्यपाल जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए तथा ज़ीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाकर प्रदेश में अपराधमुक्त, भयमुक्त व अन्यायमुक्त वातावरण तथा कानून का राज स्थापित किया गया है। राज्य सरकार के कार्यकाल में सभी सम्प्रदायों के मध्य आपसी सौहार्द पूर्णतः कायम रहा है। जनपद फर्रूखाबाद में बंधक बनाये गये 23 मासूम बच्चों को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता से सुरक्षित निकालकर भयमुक्त समाज की स्थापना के प्रति सरकार ने प्रतिबद्धता व्यक्त की है। वर्ष 2017 के सापेक्ष दुष्कर्म की घटनाओं में 35.6 प्रतिशत, डकैती में 53.7, लूट में 44.5, बलवा में 38.1, अपहरण में 30.43 और हत्या में 14.5 प्रतिशत की कमी आयी है। अपराधियों के प्रति कठोर अभियोजन सुनिश्चित किया गया है। पाॅक्सो एक्ट में वर्ष 2018 में दो आरोपियों को मृत्युदण्ड, 67 को आजीवन कारावास, 420 अन्य सजा तथा वर्ष 2019 में 03 को मृत्युदण्ड, 152 को आजीवन कारावास व 585 को अन्य सजा हुई है।
राज्यपाल जी ने कहा कि लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 से सम्बन्धित अपराधों के शीघ्र निस्तारण हेतु 218 पाॅक्सो न्यायालय गठित किये गये हैं। महानगरीय क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से प्रथम चरण में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गयी है। यू0पी0काॅप मोबाइल एप के माध्यम से 28 सेवाओं यथा ई-प्राथमिकी पंजीकरण, वरिष्ठ नागरिक शिकायत, लापता व्यक्ति, किरायेदार सत्यापन आदि पुलिस की विभिन्न सेवाएं सरलता से आम जनता को उपलब्ध करायी जा रही हैं। यह ऐप 05 लाख से अधिक लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया है। गौतमबुद्धनगर व लखनऊ में साइबर थाने क्रियाशील हैं। अन्य परिक्षेत्रीय कार्यालयों में साइबर थानों की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि कृषि आय को 05 वर्षाें के भीतर दो-गुना करने के उद्देश्य से फसलों की नयी प्राॅक्योरमेंट पाॅलिसी लागू की गयी। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,735 रुपये से बढ़ाकर 1,840 रुपये प्रति कुन्तल किया गया। रबी वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 1,925 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। विगत 03 वर्षाें में 126 लाख मीट्रिक टन गेहूं व 141 लाख मीट्रिक टन धान की रिकाॅर्ड खरीद सीधे किसानों से की गयी। पहली बार दलहन, तिलहन व मक्का का समर्थन मूल्य तय कर किसानों से सीधी खरीद हुई। वर्ष 2018-19 में 581.60 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 604.15 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का रिकाॅर्ड उत्पादन हुआ। वर्ष 2020-21 हेतु 641.74 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य है। प्रदेश में डी0बी0टी0 के माध्यम से 80 लाख से अधिक किसानों को 1,431 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 02 करोड़ 33 लाख किसान परिवारों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया जारी है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 01 करोड़ 87 लाख किसानों को प्रथम किस्त के रूप में लगभग 3,750 करोड़ रुपये की धनराशि व कुल 11,690 करोड़ रुपये की धनराशि उनके खातों में दी जा चुकी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि 3.7 करोड़ से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड व 01 करोड़ 11 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये। किसानों की आय दो-गुनी करने के लिए किसान पाठशाला के माध्यम से 50 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय कृषि कुम्भ का आयोजन तथा गंगा किनारे की 1,038 ग्राम पंचायतों के लिए गो-आधारित प्राकृतिक खेती की 526 कार्यशालाएं आयोजित की गयीं। उत्तर प्रदेश में 119 चीनी मिलें संचालित हैं। अब तक 86,700 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया। इससे 46.20 लाख गन्ना किसान लाभान्वित हुए। इसमें पिछली सरकार की बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की 10,654 करोड़ रुपये की धनराशि भी शामिल है। यह अब तक का रिकाॅर्ड भुगतान है। पेराई सत्र 2019-20 में कुल देय गन्ना मूल्य 14,790 करोड़ रुपये के सापेक्ष 8,454 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। पेराई सत्र 2018-19 के कुल देय गन्ना मूल्य का 97.46 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। पहली बार गन्ना किसानों के भुगतान के लिए चीनी मिलों को सरल ब्याज पर ऋण देने की योजना बनायी गयी। पिपराइच व मुण्डेरवा की बन्द चीनी मिलों के स्थान पर नयी चीनी मिलें लगायी गयीं। मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल, मेरठ की पेराई क्षमता बढ़ायी गयी तथा रमाला चीनी मिल, बागपत का विस्तारीकरण किया गया। कोल्हू व क्रेशरों की स्थापना को लाइसेंस से मुक्त किया गया। पूर्व स्थापित खांडसारी इकाइयांे को फिर से चलाने के लिए निःशुल्क लाइसेंस नवीकरण की व्यवस्था की गयी।
राज्यपाल जी ने कहा कि गंगा जी के प्रति जनास्था बढ़ाने तथा गंगा आधारित सतत आर्थिक विकास हेतु 1358 किमी0 गंगा यात्रा का आयोजन किया गया। 05 दिवसीय गंगा यात्रा 27 जनपदों, 21 नगर निकायों, 1,038 ग्राम पंचायतों से गुजरी। इस दौरान 26 विभागों द्वारा विभाग से सम्बन्धित योजनाओं के अन्तर्गत बड़ी संख्या में लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। केन्द्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में जल शक्ति विभाग का गठन किया गया। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 98.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। वर्षाें से अधूरी पड़ी बाणसागर, पहुंज बांध, पथराई बांध, पहाड़ी बांध, लहचूरा बांध, गुंटा बांध, मौदहा बांध तथा जमरार बांध परियोजनाओं को पूरा किया गया। इस पर 4,333 करोड़ रुपये व्यय हुए तथा 02 लाख 66 हजार 666 हेक्टेयर सिंचन क्षेत्र में वृद्धि हुई व 02 लाख 35 हजार किसान लाभान्वित हुए। प्रदेश की 14 अन्य सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने का कार्य किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि मेरी सरकार द्वारा जल जीवन मिशन आरम्भ किया गया है। इसके अन्तर्गत वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल योजना द्वारा ‘हर घर जल’ उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। वर्ष 2019-20 में 283 पाइप पेयजल योजनाओं को पूरा किया गया। नीर निर्मल योजना के अन्तर्गत 225 परियोजनाओं को पूर्ण किया जा चुका है और 354 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। राज्य ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत 158 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री आर0ओ0 पेयजल योजना के तहत जे0ई0 व ए0ई0एस0 प्रभावित जनपदों तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों में 28,041 परिषदीय व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अल्ट्रफिल्ट्रेशन पर आधारित संयंत्र स्थापित किये गये हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों व विन्ध्य क्षेत्र के 02 जनपदों में कुल 6,537 अनाच्छादित ग्रामों को पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने के लिए योजनाएं तैयार की गयी हैं। इनमें मार्च, 2020 तक कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा भूजल प्रबन्धन, वर्षा जल संचयन व भूजल रिचार्ज के माध्यम से प्रदेश के संकटग्रस्त 271 विकास खण्डों एवं 22 शहरों में राज्य भूजल संरक्षण मिशन प्रारम्भ किया गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश में 10 ग्रीन फील्ड नवीन डेयरी प्लाण्ट की स्थापना व 04 डेयरी प्लाण्ट्स का उच्चीकरण किया गया। सभी जनपदों में 02-02 वृहद गौवंश संरक्षण केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। राज्य में कुल 4,921 गौ-आश्रय स्थलों पर 4.49 लाख निराश्रित गोवंश संरक्षित किया जा रहा है। निराश्रित गोवंश सहभागिता के अन्तर्गत अब तक 23,542 गोपालक परिवारों को 46,786 गौवंश सुपुर्द किये गये हैं। प्रदेश की 39 पंजीकृत गौशालाओं में मण्डी परिषद द्वारा 22.62 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि गांवों में अवस्थापना सुविधा के विकास के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना प्रदेश के 16 जनपदों में क्रियाशील है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 13.75 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराया गया है तथा 63,237 का निर्माण प्रगति पर है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 50,740 व्यक्तियों को निःशुल्क आवास दिया जा रहा है। इसमें 27,764 मुसहर, 4,666 वनटांगिया तथा 81 थारू जनजाति के व्यक्ति सम्मिलित हैं। पहली बार वनटांगिया, मुसहर, कोल एवं थारू जनजाति के 38 ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित कर यहां के निवासियों को आवास, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, बिजली एवं राशन कार्ड आदि मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्य में 12 मेडिकल काॅलेज थे। मेरी सरकार द्वारा निरन्तर नये मेडिकल काॅलेज खोले जा रहे हैं। 07 मेडिकल काॅलेजों में वर्ष 2019-20 से एम0बी0बी0एस0 के प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू हो गयी है। हरदोई, एटा, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर व मीरजापुर में 08 मेडिकल काॅलेज निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, बुलन्दशहर, बिजनौर, औरैया, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात, ललितपुर, गोण्डा, सुल्तानपुर, कुशीनगर, सोनभद्र व कौशाम्बी में 13 मेडिकल काॅलेज स्वीकृत हो चुके हैं। मातृ मृत्युदर में सबसे ज्यादा 30 प्रतिशत गिरावट लाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदेश को एम0एम0आर0 एवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। इनसेफेलाइटिस के मामलों में 56 प्रतिशत व इससे मृत्यु के आंकड़ों में 81 प्रतिशत की कमी आयी है।
ग्रामीण अंचलों में चिकित्सा सुविधाएं सुलभ कराने के लिए टेलीमेडिसिन की शुरुआत की गयी है। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी मलिन बस्तियों में दरवाजे पर स्वास्थ्य की मूल सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रत्येक रविवार को सभी ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जा रहा है। इनमें टी0बी0, कुष्ठ, संक्रामक रोगों, गैर संक्रामक रोगों तथा गर्भवती महिलाओं को जांच व उपचार की सुविधाएं दी जा रही हैं। प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के अन्तर्गत 01 करोड़ 26 लाख परिवारों तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 10 लाख 56 हजार परिवारों को सालाना 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किया जा रहा है। अब तक 86 लाख से अधिक लोगों को गोल्डेन कार्ड वितरित किये गये हैं तथा 03 लाख से अधिक व्यक्तियों का योजनान्तर्गत उपचार हुआ है।
राज्यपाल जी ने कहा कि ‘स्कूल चलो अभियान’ चलाकर शैक्षिक सत्र 2019-20 में 01 करोड़ 80 लाख विद्यार्थियों को नामांकन कराया गया। 15 हजार प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में परिवर्तित किया गया। पाठ्य-पुस्तकों का ई-वर्जन, ई-पोथी के रूप में विकसित किया गया। प्रदेश के स्कूलों में एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम लागू किया गया। इनमें मदरसे भी शामिल हैं। निर्माण श्रमिकों के 1,000 बालक-बालिकाओं एवं अनाथ बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश के समस्त 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। माध्यमिक स्तर पर नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न करायी गयी हैं। शिक्षा के उच्च आदर्श स्थापित करने के उद्देश्य से 149 पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माॅडल इण्टर काॅलेजों का संचालन किया जा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए जनपद सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़ में 03 नये राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। 49 नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इनमें 33 का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। निजी विश्वविद्यालय की स्थापना एवं विनियमन हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 का प्रख्यापन किया गया है। उत्तर प्रदेश समन्वित कौशल विकास नीति प्रख्यापित करने वाला देश में प्रथम राज्य है। एसोचैम द्वारा कौशल विकास में प्रदेश को स्वर्ण ट्राफी प्रदान की गई। पिछले 3 वर्षों में कौशल विकास मिशन द्वारा 5.54 लाख युवाओं को प्रशिक्षित व 2.05 लाख युवाओं को सेवायोजित किया गया है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा 1.95 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर सेवायोजित किया गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि अवस्थापना सुविधाएं विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। 341 किलोमीटर लम्बे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा। 91 किलोमीटर लम्बे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे व 297 किलोमीटर लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक 637 किलोमीटर लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। प्रदेश के 1 लाख 29 हजार 441 किलोमीटर सड़कें गढ्ढा मुक्त कर दी गई हैं। 79 दीर्घ सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 115 दीर्घ सेतुओं, 304 लघु सेतुओं, 86 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 26 तहसील मुख्यालयों तथा 152 विकास खण्डों को 2 लेन मार्ग से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट के लिए भूमि का कब्जा प्राप्त किया जा चुका है। इसके विकास हेतु एस0पी0वी0-‘यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ गठित की गई है। विगत 3 वर्षों में प्रयागराज, कानपुर व हिण्डन एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव का निर्माण कर अनेक शहरों को हवाई सुविधा से जोड़ा जा चुका है। अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, म्योरपुर (सोनभद्र), चित्रकूट व झांसी एयरपोर्ट के विकास कार्य गतिमान है। सरसावा (सहारनपुर), अयोध्या एवं मेरठ एयरपोर्ट के विकास हेतु भूमि प्राप्त की जा रही है।
राज्यपाल जी ने कहा कि औद्योगिक विकास किसी राज्य की प्रगति का मापदण्ड है। मेरी सरकार के प्रयासों से प्रदेश में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक नया सवेरा आया है। उत्तर प्रदेश को ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ बनाने के लिए निवेश फ्रेंडली 21 नई नीतियां बनाई गई हैं। निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के पश्चात् प्रथम एवं द्वितीय ग्राउन्ड ब्रकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। इन परियोजनाओं से लगभग 25 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रधानमंत्री जी द्वारा बुन्देलखण्ड में डिफेन्स इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग काॅरीडोर का शिलान्यास किया गया जिससे 2.5 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। प्रदेश में उद्यमियों के अनुकूल वातावरण बनाते हुए निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 46 हजार 220 आवेदनों को निस्तारित किया गया। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश 92.87 प्रतिशत स्कोर के साथ अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि ग्यारहवें ‘डिफेन्स एक्सपो’ का आयोजन भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से लखनऊ में 05 से 09 फरवरी, 2020 के मध्य सफलतापूर्वक किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस आयोजन का उद्घाटन किया। इसमें 3 हजार से अधिक रक्षा क्षेत्र के विदेशी प्रतिनिधियों व देश के विभिन्न क्षेत्रों के 10 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर 40 से अधिक देशों के रक्षा मंत्रियों ने कान्फ्रेन्स में प्रतिभाग किया। इस सफल आयोजन के परिणामस्वरूप रक्षा क्षेत्र में कुल 190 एम0ओ0यू0 व अनुबन्ध हस्ताक्षरित किये गये। इनमें से 23 एम0ओ0यू0 उत्तर प्रदेश के डिफेन्स काॅरिडोर में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेंगे।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कम पूंजी और कम स्थान में व्यापक रोजगार उपलब्ध कराते हैं। ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए विद्युत शुल्क मंे छूट, स्टाम्प शुल्क में छूट, ब्याज उपादान व जी0एस0टी0 की प्रतिपूर्ति की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना से सम्बंधित विभिन्न स्वीकृतियों, अनापत्तियों तथा सहमतियों हेतु निवेश मित्र पोर्टल की व्यवस्था की गई है। प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पाद को चयनित कर विकसित किया जा रहा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पारंपरिक हस्तशिल्पियों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई आदि की कलाओं के प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार द्वारा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ चलाई गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 20 हजार हस्तशिल्पियों को लाभान्वित कराने हेतु 30 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
राज्यपाल जी ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु संचालित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत विनिर्माण हेतु 25 लाख रुपये तक तथा सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक की परियोजना स्थापित कराकर स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश भर में विद्युत आपूर्ति की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिसके फलस्वरूप जनपद मुख्यालयों में 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों में 20 घण्टे व ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे बिजली आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित किया गया है। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों में वृद्धि के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए शत-प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई है। प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन की क्षमता अब बढ़कर 949 मेगावाॅट हो गई है। प्रदेश में स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश के 14 निकायों को भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सम्मानित किया गया। प्रदेश के सभी 75 जनपद ‘खुले में शौच मुक्त’ (ओ0डी0एफ0) घोषित हो चुके हैं। प्रदेश में 8 लाख 33 हजार व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया। नगरों में चार हजार सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
अटल नवीकरण एवं शहरी रूपान्तरण मिशन (अमृत) योजना के अंतर्गत प्रदेश के 60 शहर आच्छादित किये गये। नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत 45 सीवरेज परियोजनाएं प्रारम्भ की गईं जिनमें से 12 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है जिसके अन्तर्गत स्वीकृत 15.63 लाख आवास के सापेक्ष अब तक 9.13 लाख आवास निर्माणाधीन हैं व 3.81 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित दस प्रमुख शहरों – लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, सहारनपुर, बरेली, झाँसी, मुरादाबाद व अलीगढ़ में 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि मेरी सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण हेतु विभिन्न योजनायें चला रही हैं। ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अंतर्गत निर्धन परिवारों की एक लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी कराई गई। इस योजना हेतु पूर्व निर्धारित 35 हजार रुपये की सहायता धनराशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है। वृद्धावस्था पेंशन योजना की धनराशि चार सौ रुपये से बढ़ाकर पांच सौ रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 44 लाख से अधिक वृद्ध जनों को पेंशन दी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों को पेंशन व अनुदान स्वीकृत किये जाने की योजना के अन्तर्गत मासिक पेंशन की धनराशि को बढ़ाकर 20 हजार 176 रुपये कर दिया गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को एक सहचर सहित राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों को राजकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क चिकित्सा व भोजन की सुविधा अनुमन्य है। इसके अतिरिक्त उनके लिए लखनऊ तथा मथुरा में ‘सेवा सदन’ संचालित हैं।
राज्य सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण की दिशा में नारी सशक्तिकरण संकल्प अभियान चलाया गया। प्रदेश के सभी जनपदांे हेतु ‘181’ महिला हेल्पलाइन, वन स्टाॅप सेण्टर व रेस्क्यू वैन की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के अन्तर्गत अब तक 2 लाख 60 हजार से अधिक बालिकाओं को लाभन्वित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश में 18 लाख 57 हजार 38 लाभार्थी लाभान्वित हुए। निराश्रित महिला पेंशन योजना के अंतर्गत वर्तमान में 24 लाख 75 हजार से अधिक लाभार्थियों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय युवा उत्सव के 23वें संस्करण का भव्य आयोजन 12 से 16 जनवरी, 2020 के मध्य लखनऊ में किया गया। इसमें 24 प्रदेशों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 7,000 युवाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के लगभग 2,000 युवा प्रतिभागी एवं यूथ आईकान भी सम्मिलित हुए। इस उत्सव में सम्पूर्ण भारतवर्ष से आये युवा प्रतिभागियों की उपस्थिति से एक लघु भारत की छवि प्रदर्शित हुई। दिव्यांगजन के सम्मान और सशक्तिकरण हेतु उतर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा विश्व दिव्यांग दिवस पर सर्वश्रेष्ठ राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। दिव्यांगजन पेंशन की धनराशि 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है जिसके अन्तर्गत 10.47 लाख दिव्यांगजन को लाभान्वित किया जा रहा है। डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर में एक विशिष्ट स्टेडियम प्रस्तावित है। लखनऊ में मूक-बधिर बालक तथा जनपद गोरखपुर में बालिका विद्यार्थियों के लिए इन्टर काॅलेज व मानसिक दिव्यांगजन के शिक्षण हेतु जनपद प्रयागराज में ममता विद्यालय स्थापित किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ, भारत क्षेत्र का सातवां सम्मेलन दिनांक 15 से 19 जनवरी, 2020 के मध्य राजधानी लखनऊ में आयोजित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन का आयोजन लखनऊ में प्रथम बार किया गया। सम्मेलन में भारत के विभिन्न राज्य विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारियों सहित विभिन्न देशों की विधायी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण भी सम्मिलित हुए। इस सम्मेलन की लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण एव संवर्द्धन में योगदान हेतु विश्व स्तर पर सराहना हुई।
राज्यपाल जी ने कहा कि पर्यटन से हमारी सांस्कृतिक, प्राकृतिक तथा भौगोलिक विरासत को समृद्धि प्राप्त होती है। पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु ‘यू0पी0 नहीं देखा तो इण्डिया नहीं देखा’ तथा कुम्भ के लिए ‘सर्वसिसिद्धप्रदः कुम्भः’ की टैग लाइन जारी की गई। अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, वाराणसी में देव दीपावली तथा बरसाना में रंगोत्सव का आयोजन कराया जा रहा है। स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, हेरिटेज सर्किट एवं स्प्रिचुअल सर्किट, बुन्देलखण्ड सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, महाभारत सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट एवं जैन सर्किट का चिन्हांकन कर समेकित पर्यटन विकास कार्य किया जा रहा है। भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में उच्च स्तरीय पर्यटक सुविधाएं प्रस्तावित हैं। वाराणसी में सांस्कृतिक केन्द्र तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म स्थल बटेश्वर का विकास कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोटर््स, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा चन्दौली में देवदरी राजदरी वाटरफाॅल के साथ-साथ 46 पर्यटन योजनाओं का विकास कराया जा रहा है।