सोनभद्र।आज 11 फरवरी को प्रखर विचारक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता और व्यक्तित्व के धनी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि आज मनाई गई।
भाजपा के जिगना सेक्टर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी उपस्थित रहे । धर्मवीर तिवारी ने कहा कि उनके ऐसे कई किस्से हैं, जिसे लोग उनकी ईमानदारी के बारे में सुनाते हैं। इनमें से एक किस्सा उनकी रेल यात्रा का भी है। सफर के दौरान यदि कोई चेन पुलिंग करता है तो वह जुर्माना भरने से बचने को झूठ का सहारा लेता है। वहीं पंडित दीनदयाल जी ने सच बोलकर गुस्साए यात्रियों से घिरे प्रयागराज के वरिष्ठ व्यक्ति की जान बचाई थी पंडित दीनदयाल जी जन्म से ही प्रखर थे शिक्षा दीक्षा धीरे धीरे चलती रही बाद में
मामाजी के बहुत आग्रह पर उन्होंने प्रशासनिक परीक्षा दी, उत्तीर्ण भी हुये किन्तु अंगरेज सरकार की नौकरी नहीं की। 1941 में प्रयाग से बी०टी० की परीक्षा उत्तीर्ण की। बी०ए० और बी०टी० करने के बाद भी उन्होंने नौकरी नहीं की। 1937 में जब वह कानपुर से बी०ए० कर थे, अपने सहपाठी बालूजी महाशब्दे की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आये। संघ के संस्थापक डॉ० हेडगेवार का सान्निध्य कानपुर में ही मिला। उपाध्याय जी ने पढ़ाई पूरी होने के बाद संघ का द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण पूर्ण किया और संघ के जीवनव्रती प्रचारक हो गये। आजीवन संघ के प्रचारक रहे। संघ के माध्यम से ही उपाध्याय जी राजनीति में आये। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना हुई। गुरुजी (गोलवलकर जी) की प्रेरणा इसमें निहित थी। 1952 में इसका प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ। उपाध्याय जी इस दल के महामंत्री बने। इस अधिवेशन में पारित 15 प्रस्तावों में से 7 उपाध्याय जी ने प्रस्तुत किये। डॉ० मुखर्जी ने उनकी कार्यकुशलता और क्षमता से प्रभावित होकर कहा- “यदि मुझे दो दीनदयाल मिल जाएं, तो मैं भारतीय राजनीति का नक्शा बदल दूँ।” 1967 तक उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के महामंत्री रहे। 1967 में कालीकट अधिवेशन में उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वह मात्र 43 दिन जनसंघ के अध्यक्ष रहे। 10/11 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या? कर दी गई। 11 फरवरी को प्रातः पौने चार बजे सहायक स्टेशन मास्टर को खंभा नं० 1276 के पास कंकड़? पर पड़ी हुई लाश की सूचना मिली। शव प्लेटफार्म पर रखा गया तो लोगों की भीड़ में से चिल्लाया- “अरे, यह तो भारतीय संघ के अध्यक्ष दीन दयाल उपाध्याय हैं।” पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी? आज उनके विचार जो सपना उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति के विकाश के बारे में सोचा था वह अब नरेंद्र मोदी जी कर रहे है अंत में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में 8866288662 पर मिस काल कराया गया कार्यक्रम कि अध्यक्षता सियाराम पटेल ने की संचालन बूथ अध्यक्ष सुमित सिंह ने किया कार्यक्रम में लवकुश शर्मा ददन अशुमान पंकज पटेल गोविंद सिंह हरिचरन भारती अनिल पासवान चन्द्र भान सिंह यज्ञनारायान सिंह गोरखनाथ सिंह लालबहादुर सिंह अरविंद खरवार दीपक भारती रविन्द्र भारती शिवनाथ गुप्ता दीपू मिश्रा शंभू भारती समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।