प्रवीण पटेल सवांददाताशक्तिनगर।महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एन.टी.पी.सी परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना के इकाई – प्रथम की ओर से सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन को बसंत पंचमी तिथि की सार्थकता को ध्यान में रखते हुए स्वयं सेवकों द्वारा वाग्य देवी की प्राण प्रतिष्ठा एवं पूजन वंदन किया गया इसी क्रम में बसंत पंचमी के पंचमी के दिन जन्मे महाप्राण पंo सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती मनाई गई , अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार यादव ने किया कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि निराला वास्तव में हिंदी के प्रमुख कवि हैं अगर हिंदी को निराला नहीं मिले होते तो हिंदी साहित्य ऐसा नहीं होता जैसा कि आज है निराला ने हिंदी कविता को एक आग दी जो आज तक जल रही है ,निराला ने हिंदी के विश को पिया और उसके बदले में साहित्य को अमृत का वरदान दिया । गौरव ने बताया कि हिंदी में निराला ना होते तो राम की शक्ति पूजा जैसी रहना रचना से हिंदी साहित्य के विद्यार्थी और छोटे रह जाते निराला के साहित्य का सबसे बड़ा योगदान पुत्री के शोक पर लिखी गई कविता सरोज स्मृति से हम अछूते रह जाते । रंजीत कुशवाहा ने बताया कि निराला के विचारधारा को ठीक से समझने के लिए उनकी कविता के साथ उनके कद को भी पढ़ा जाना चाहिए । उन्होंने रूढ़ियों और अंधविश्वासों का विरोध किया और साथ ही साथ निराला ने अंग्रेजी साम्राज्य की आर्थिक आलोचना की रवि राठौर , सिद्धान्त , स्नेहा , रत्ना ,काजल रंजीत सिंह ,संदीप का विशेष सहयोग रहा कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अनुषा मिश्रा ने किया .