गांधी शांति यात्रा लेकर लखनऊ पहुंचे देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, सपा कार्यालय में शत्रुघ्न सिन्हा भी हुए शामिल
लखनऊ।नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गांधी शांति यात्रा लेकर लखनऊ पहुंचे देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा सोमवार को लखनऊ पहुंचे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी पर लगातार करारा हमला करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हुए। संयुक्त प्रेसवार्ता में यशवंत सिन्हा ने कहा कि नागरिकता कानून में संशोधन की आवश्यता नहीं थी, सरकार के इस कदम से डर का माहौल है। यह सिर्फ समाज को बांटने और समाज में आग लगाने के लिए लाया गया है। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि हम नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हैं क्योंकि यह असांवैधानिक है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के गृहमंत्री अमित शाह का लखनऊ में दिया यह बयान पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चाहे जितना विरोध हो सीएए कानून वापस नहीं लिया जाएगा। बीजेपी सरकार जनता के खिलाफ काम कर रही है। सरकार के पास पहले से ही अधिकार है कि वह जिसे चाहे देश की नागरिकता दे। ऐसे में इस कानून की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस कानून को लाया गया है। सिन्हा ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि एअर इंडिया को खरीदार तक नहीं मिल रहे हैं। सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है। सरकार ने आरबीआई से करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये लेकर कुछ उद्योगपतियों को दे दिया। इससे अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं हुआ है। किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। सिन्हा ने कहा कि जिन तीन बिंदुओं पर वह सीएए का विरोध करते हैं। नंबर एक यह देश के संविधान और मौलिक ढ़ाचे के खिलाफ है। नंबर दो इस कानून की आवश्यकता ही नहीं थी। नंबर तीन इस कानून के नियम ही नहीं बने हैं। इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता है।
*मफिर से देश को लाइन में लगाने की कोशिश- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि आज हमें वे दिन याद करना चाहिए जब कहा गया था नोटबन्दी के बाद आतंकवाद की कमर टूट जाएगी और अवैध ट्रांजेक्शन बंद हो जाएंगे। फिर कैसे पीएफआई के द्वारा करोड़ों रूपए की मदद की जा रही है। पूर्व सीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था की डफली फट गई है तो सरकार सत्य को मारना चाह रही है। इसके लिए वह हिंसा का सहारा ले रही है। जो लोग आज सरकार में बैठे हैं, यही लोग बाद में रजाई में मुंह छुपा कर रोएंगे। कहा कि केंद्र सरकार अब नोटबंदी की बात ही नहीं, करती क्योंकि वह भी फेल हो गया था। अब एक बार फिर से देश को लाइन में लगाने की कोशिश की जा रही है। हम नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हैं क्योंकि यह असांवैधानिक है।