धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से कुंडली में जन्तुओं से खतरा……
1▪ यदि राहु लग्न में हो और लग्नेशगत राशि बली हो तो सर्प से भय होता है।
2▪ यदि लग्नेश और षष्ठेश राहु अथवा केतु के साथ हो तो जातक को सर्प, चोर एवं अन्य हानिकारक जीवों से भय होता है
3▪यदि राहु लग्न में और लग्नेश तृतीयेश के साथ हो तो सर्प से भय होता है।
4▪यदि सूर्य, शनि, राहु सप्तमस्थ हों तो ऐसे जातक को सर्प अथवा जहर से खतरा होता है।
5▪ यदि लग्न एवं चंद्र दोनो से सप्तम शनि और उसके साथ सूर्य तथा राहु हो तो ऐसे जातक को शय्या पर सोये हुए सर्प काटता है।
6▪ यदि शनि पाप ग्रह के साथ द्वितीय स्थान में बैठा हो और उस पर पाप ग्रह की दृष्टि भी हो तो जातक को कुत्ते से भय होता है ।
7▪ यदि द्वितीयेश शनि के साथ हो अथवा उस पर शनि की दृष्टि पड़ती हो तो भी कुत्ते से भय होता है।
8▪ यदि अष्टम स्थान से त्रिकोण में शुक्र शनि अथवा चन्द्रमा हो और उस स्थान मे बुध व मंगल भी हों तो जातक को कुत्ता काटने का भय होता है ।
9▪यदि गुरु लग्न में तृतीयेश के साथ हो तो जातक को चतुष्पाद जीवों से विशेष कर गौ वंश से भय होता है।
10▪ यदि धनु अथवा मीन राशि में बुध तथ मकर अथवा कुंभ राशि में मंगल हो तो ऐसे जातक की मृत्यु जंगल में हिंसक जन्तुओं द्वारा होती है।