समर जायसवाल –
श्रीकृष्ण ने कंस वध कर की धर्म की स्थापना,रासलीला का हुआ समापन
राजा उग्रसेन व अपने माता-पिता को किया कारागार से मुक्त
दुद्धी-सोनभद्र, स्थानीय दुद्धी तहसील के प्रांगण में श्री रासलीला आयोजन समिति के तत्वावधान में आयोजित श्री रासलीला मंचन के 11वें दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अत्याचारी कंस के वध की लीला का मार्मिक मंचन किया गया।
जब कंस को ये भरोसा हो गया कि श्रीकृष्ण ही उसका परम् शत्रु है तो उसने श्रीकृष्ण को मारने का बहुत उपाय किया लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिल पाया तो उसने एक योजना के तहद श्रीकृष्ण व बलराम को अपने राजमहल बुलाया।
आज तो कंस की मारकेश दशा ही थी इसी लिये तो वह श्रीकृष्ण व बलराम को बुला रहा था।प्रभु भी इस बात को जान गए कि कंस का अंत समय आ गया है और उन्हें उसका वध करना है इसी कारण भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ मथुरा के लिए चल देते हैं।
ब्रज से कंस के राजमहल के बीच भगवान श्रीकृष्ण ने अक्रुरजी को ज्ञान दिया व रजक धोबी,माली,दर्जी, हाथी सहित कई का उद्धार भी किया ।
अब बारी थी तो कंस की,दोनो भाइयों ने मिलकर राजा कंस के सारे अभिमान को चूर किया व श्रीकृष्ण ने अपने एक ही प्रहार से अत्याचारी कंस का अंत कर दिया।
कंस के मरते ही पूरे मथुरा में धर्म की स्थापना पुनः होगयी। श्रीकृष्ण ने कंस के वध के पश्चात राजा उग्रसेन व अपने पिता बसुदेव जी व माता देवकी को कारागार से मुक्त कराया।
इस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भाई बलराम जी के साथ मिलकर पुनः मथुरा राज्य में धर्म की स्थापना की। इसी के साथ इस वर्ष हो रही लीला का यहाँ सूक्ष्म विश्राम हो गया।
लीला के बीच मे भगवान द्वारा जिनका उद्धार किया गया उस प्रसंग को व्यास जी पण्डित कृष्ण मुरारी जी द्वारा विस्तार से बताया गया।
अंत मे आरती से पूर्व आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक व चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि द्वारा इस आयोजन में सहयोग देने वाले लोगों का आभार व्यक्त किया गया। उन्होने समस्त संरक्षक, सभी पत्रकार,समस्त तहसील स्टाफ,समस्त कोतवाली परिवार,सभी संयोजक मण्डल सदस्य गण,समस्त सभासद गण, व आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ता गणों,व टेंट व्यवस्था से रुदन जी,साउंड व्यवस्था से बड़का के साथ सभी अन्य व्यवस्था में सहयोग देने वालों सहित सभी दर्शक श्रद्धालुओं व सभी दान दाताओं का भी आभार व्यक्त किया। व ब्रज वासी ब्राह्मणो से पूरे दुद्धी वासियों के लिए आशीर्वाद मांगा की यह क्षेत्र सदैव फलता फूलता रहे। अंत मे व्यास जी ने अपने अमृत मयी वचन से पूरी लीला मण्डली के ब्राह्मणों की ओर से सभी दुद्धी वासियों व आस पास के दर्शक श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देकर लीला के विश्राम होने की घोषणा की।
इससे पूर्व लीला अन्तर्गत झाँकी दर्शन पश्चात मंचन मंडली के सभी ब्राह्मणों को प्रेमनारायण सिंह मोनू सेक्टर अध्यक्ष भाजपा व सुजीत जायसवाल महामंत्री दुर्गा पूजा समिति पंचदेव मन्दिर ने अंगवस्त्रम भेंट कर आशीर्वाद लिया। साथ ही आयोजन समिति के कार्यकर्ताओं को भी अंगवस्त्रम भेंट किया गया।अन्य श्रद्धालुओं द्वारा भी अंगवस्त्र, गीता पुस्तक व अन्य भेंट ब्रजवासियों को दिया गया।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ सोनी,संयोजक श्यामसुंदर अग्रहरि, संरक्षक आलोक अग्रहरि, पीयूष एड, प्रियेश,धीरू,लक्की शर्मा,मनीष जाय०,सोनू जाय०,अनुरोध भोजवाल, भानुप्रताप सिंह सहित तमाम दर्शक श्रद्धालु उपस्थित रहे। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी में कोतवाली पुलिस के आरक्षी पूरी कर्तव्यनिष्ठा से मुस्तैद रहे।
रात्रि भोजन के उपरांत डॉक्टर लवकुश प्रजापति द्वारा सभी ब्रजवासियों को ऊनी वस्त्र(जैकेट) भेंट किया गया।