मानक से ज्यादा फ्लोराईड वाले हैण्डपम्पो को प्रतिन्धित करने के लिए लाल निशान

दाक्षिणांचल के लनभग दस हज़ार हैण्डपम्पो का पानी अयोग्य

केन्द्रीय भू जल बोर्ड ने किया आह्वान ,न पीयें फ्लोराईड युक्त पानी

म्योरपुर सोनभद्र (विकास अग्रहरी/पंकज सिंह)

दाक्षिणांचल के फ्लोराइड प्रभावित गाँव के हैण्डपम्पो पर लाल निशान लगाने की सलाह जल निगम को देते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड ने ग्रामीणों का आह्वान किया है कि वे जिस भी हैडपम्प और कुआ में फ्लोराईड की मात्रा ज्यादा है वहां का पानी विल्कुल न पीयें न ही पशुओं को पीने ने ।बोर्ड के राज्य भूजल अधिकारी एम एन खान ने बताया कि एक साधारण किट के माध्यम से भी हम पानी मे हानिकारक तत्वो की जानकारी प्राप्त कर सकते है ।बताया कि भारत मे सबसे पहले आंध्रप्रदेश में पशुओं में फ्लोराईड की मात्रा मानक से ज्यादा पाये जाने और उसके बाद जल्द मौत की घटना से जानकारी हुयी थी। कहा कि किसी भी जानवर को फ्लोराईड वाला पानी नही पिलाना चाहिए अन्यथा उसकी सेहद बिगड़ सकती है बताया कि जमीन में जो फ्लोराईड है वह 70 फिट नीचे तक है उसके अंदर का पानी मे फ्लोराईड नही है।उन्होंने औधौगिक प्रदूषण में फ्लोराईड न होने की बात कही और बताया कि मरकरी आर्सेनिक सीसा जैसे घातक तत्व उघोगों की देन हो सकती है।हालाकि एन जी टी कोर कमेटी के अध्ययन और जांच में तापीय विजली परियोजनाओं में कोयला जलाने से फ्लोराईड निकलने की पुष्टि की गई है ।एक अनुमान के अनुसार लगभग दस हज़ार हैंड चोपन दुधी म्योरपुर बभनी के फ्लोराईड प्रभावित गाँव के हैण्डपम्पो का पानी पीने योग्य नही है।म्योरपुर ब्लॉक के जल निगम के अवर अभियंता दीपचंद गुप्ता ने बताया कि म्योरपुर में 15 से ज्यादा गाँव फ्लोराईड प्रभावित है बताया कि लाल निशान लगाया गया था कि लेकिन सब मिट गया है ।

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