बकरिहवा/सोनभद्र (राहुल तिवारी) हाईकोर्ट व प्रदेश सरकार द्वारा अबैध खनन पर रोक लगाने के बाद भी नदियों व नालो से बालू व बोल्डर के अबैध खनन का कारोबार फूल – फल रहा है। खनन कर्ताओ के हौसले इतने बुलंद है,कि सोनांचल की वन संपदा का अस्तित्व संकट में है। पत्थर बालू खनन कर माफिया कहर बरसा रहे है। जिससे छोटी- छोटी नदियों का अस्तित्व भी खनन माफियाओं के भेट चढ़ रहा है जरहा रेंज की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि दबंग खुलेआम अधिकारियों के संरक्षण में,महुली, रजमिलान, सेंदुर, धरतीडाँड़ के समरलोटवा नदी के कई स्थानों से बालू का अबैध खनन कर राजस्व को क्षति पहुचा रहे है। लोगो का कहना है कि जरहा रेंज के क्षेत्रीय अधिकारी समेत वन बिभाग के जिम्मेदार अक्सर इस क्षेत्र में आते जाते है। अभी तक किसी ने इस अबैध खनन को रोकने की हिम्मत नही जुटाई है,कई क्षेत्रों में तो पूरे रात तो कही खुलेआम शाम होते ही ट्रैक्टर से, बालू बोल्डर की ढुलाई, होती है ।ग्रामीणों का कहना है कि उच्चाधिकारियों से शिकायत किये जाने के बाद भी खुले याम किया जा रहा है अबैध खनन। शिकायत के बाद भी नही लगाया जा रहा है अंकुश सेटिंग गेटिंग कर कराया जा रहा है अबैध खनन वन विभाग व प्रशासन की भी है मिली भगत।