प्रभु को अपना बनाने से अच्छा है हम खुद प्रभुके बन जाये

घोरावल। श्रीमद्भागवत कथा का द्वितीय दिवस तेजस्वी सेवार्थ सेवा आश्रम के द्वारा आयोजित सप्ताह भागवत कथा व ज्ञान महायज्ञ का द्वितीय दिवस प्रभु को अपना बनाने से अच्छा है हम खुद प्रभुके बन जाये विषय में नवधा भक्ति की कथा में कथा श्रवण प्रथम सोपान है परम भक्त प्रहलाद जी का आध्यातमिक वर्णन हुआ,

गोकर्ण, धुंधकारी की मार्मिक प्रसंग जो कि गोकर्ण जी महाराज पर सन्तो की कृपा हुई और परम भागवत कहलाये – प्रभु को अपना बनाने से अच्छा है हम खुद प्रभुके बन जाये। जब हम प्रभु के हो जाएंगे तब स्वयं प्रभु हमारे अवगुणों को नष्ट करेंगे। जय श्री राधे कृष्ण कथा व्यास -परमपूज्य श्री श्रावनानंद जी महाराज , यज्ञाचार्य – परमपूज्य श्री धीरेंद्र त्रिपाठी जी महाराज के मुखार विंदु से भगवता कथा का आयोजन किया जा रहा है भक्त भाव विभोर होकर कथा श्रवण में तल्लीन दिखे।कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर माल्यार्पण कार्यक्रम प्रकाश सिंह जिला महासचिव कोंग्रेस कमेटी सोनभद्र, ई शार्दूल विक्रम सिंह वर्गवा सिंगरौली मध्यप्रदेश, लालता प्रजापति पेढ,बाल गोविंद त्रिपाठी जुड़वारिया,सूर्यमणि त्रिपाठी सतौहा, रामेस्वर पाल पूर्व ग्रामप्रधान पेढ, अमरबहादुर सिंह ग्राम पेढ शामिल रहे।संचालक महोदय ने बताया कि अमरबहादुर ने आश्रम निर्माण हेतु स्थान उपलब्ध कराया है ग्राम पेढ में। कार्यक्रम का संचालन विजय शंकर शुक्ला ने किया।

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