लखनऊ 9 दिसम्बर। भाजपा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने सोमवार को सरकार से मांग की कि लोगों को विरासत में मिले अतिरिक्त शस्त्रों को रखने की इजाजत मिलनी चाहिए। उन्होंने आम लाइसेंसधारकों को पुलिस शूटिंग रेंजों में सप्ताह में एक दिन अभ्यास की अनुमति देने की भी मांग की। शूटिंग में ओलंपिक पदक विजेता राठौड़ ने लोकसभा में आयुध संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि लाइसेंस बंदूकधारी असामाजिक लोगों से लड़ने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि अच्छे नागरिक को हथियार देना सरकार का काम है। राठौड़ ने विधेयक से अवैध हथियारों की चिंता समाप्त होने की ओर इशारा करते हुए सरकार से यह मांग भी की कि आम नागरिक ऐसे कानून से शूटिंग (निशानेबाजी) जैसे खेल के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पूरे देश में पुलिस की शूटिंग रेंजों में आम लाइसेंसधारियों को सप्ताह में एक दिन शूटिंग के अभ्यास की अनुमति मिलनी चाहिए।
पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा कि जहां शूटिंग रेंज नहीं होती, वहां राइफल क्लबों से संबंधित परिसरों में शूटिंग रेंज बनाई जा सकती हैं। इससे लोगों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में भारत का मुकाबला शूटिंग में करीब 200 देशों से होता है, लेकिन कानून की वजह से हम पिछड़ जाते हैं। राठौड़ ने कुछ जूनियर शूटिंग खिलाड़ियों के नाम गिनाते हुए मांग की कि ऐसे लोगों को दुनिया पर दबदबा बनाने के लिए सुविधा देनी होगी। उन्हें अतिरिक्त हथियार रखने की अनुमति मिलनी चाहिए।
पुश्तैनी हथियारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोग विरासत के रूप में ऐसे आग्नेयास्त्रों को रखते हैं। इनका भावनात्मक मूल्य के साथ ही वास्तविक मूल्य भी काफी होता है। उन्होंने कहा कि कानून के तहत लोगों को एक लाइसेंस पर दो सक्रिय शस्त्र रखने की अनुमति मिले, लेकिन उसके साथ ही उन्हें उनके पूर्वजों और पिता-दादा से विरासत में मिले शस्त्रों को अस्थाई निष्क्रिय रूप में अतिरिक्त रखने की इजाजत दी जानी चाहिए।
राठौड़ ने मांग की कि दो से अधिक हथियारों की स्थिति में प्रावधान लाया जा सकता है कि परिवार के किसी अन्य सदस्य को अतिरिक्त हथियार का लाइसेंस त्वरित तरीके से प्रदान किया जाए। आयुध संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए लोकसभा में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1959 के अधिनियम में कई विसंगतियां थीं और इस विधेयक के माध्यम से उनको दूर किया जा रहा है।