बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
बभनी ।सेवा समर्पण संस्थान सम्बद्ध अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का 33वाँ बनवासी खेलकूद प्रतियोगिता व बनवांसी समागम का समापन धुमधाम के सम्पन्न हुआ। बनवासी खेलकुद तीरंदाजी प्रतियोगिता आगामी पांच दिवस तक सेवा कुंज आश्रम कारी डांड, चपकी के प्रांगण में कराया गया।कार्यक्रम में कुल 15 जिले के खिलाड़ीयो ने प्रतिभाग लिया। जिसमें सोनभद्र, मिर्जापुर ,चंदौली गाजीपुर ,काशी , प्रयागराज, सुल्तानपुर, आजमगढ़ ,गोरखपुर,
आदि जिले की टीम ने प्रतियोगिता मे भाग लिया।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि सेवा समर्पण संस्थान सम्बद्ध अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्र संगठन मंत्री( संपूर्ण उत्तर प्रदेश व सम्पूर्ण नेपाल )श्रीमान मनीराम पाल ,विशिष्ट अतिथि हृदयनारायण जी (अल्ट्राटेक) गिरिसचन्द चौकसी महाप्रबन्धक एनटीपीसी, कार्य क्रम का संचालन मनोज मिश्रा व कृष्ण गोपाल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जे सी विमल कुमार सिंह प्रांतीय
कार्यकारिणी सदस्य सेवा समर्पण संस्थान ने किया। हृदय नारायण प्रान्त सह संगठन मन्त्री ,रामबचन उरांव खन्ड प्रमुख चतरा ,लक्ष्मीपति शर्मा अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख, रहे।
15 टीमो के अलावां क्षेत्रिय विद्यालयो के छात्र छात्राओ समेत बनवासी ग्रामीणो ने कार्यक्रम मे हिस्सा लिया। पांच द्विवसीय खेल कुद प्रतियोगिता मे बनवासी खिलाड़ियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में करमा नृत्य,शैला डान्डिया नृत्य,मृदंग, तीरदांजी,कबड्डी ,ऊची कुद लम्बी कुद ,गोला फेक डिस्कस थ्रो,आदि प्रतियोगिता सम्पन करायी गई। नधिरा की टीम शैला करमा नृत्य,राजासरई की टीम करमा ,देवनाटोला मृदंग,बभनी की टीम राजमोहनी,इसके साथ नवाटोला सतबहनी कचनरवा की टीम शामिल रही।कार्यक्रम के फाईनल मे मिर्जापुर व सोनभद्र की टीम द्वारा शो प्रतियोगिता मे सोनभद्र की टीम बिजेता रही।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख श्री लक्ष्मीपति शर्मा जी, प्रांत संगठन मंत्री श्रीमान पंकज जी, सह संगठन मंत्री श्रीमान आनंद जी, विभाग संगठन मंत्री श्री शिव प्रसाद जी, जिला प्रचारक श्रीमान ओम प्रकाश जी ,सह विभाग कार्यवाह दिपनारायण जी , जिला कार्य समिति सदस्य सदस्य आलोक कुमार चतुर्वेदी, दूधनाथ कुशवाहा जी, रामप्रकाश जी, अमर देव पांडे जी, सीताराम जी, सत्य प्रकाश जी,
के अलावा शिक्षक के रूप में राम नगीना जी, प्रवीण जी, रमेश चंद जी, श्याम चरण जी संजय जी, राजकुमार आदि उपस्थित रहे ।