कनहर परियोजना के निर्माण की करायेगें जांच
विस्थापित गांवों का दौरा कर जाना हाल
दुद्धी, सोनभद्र 28 नवम्बर 2019, दुद्धी के विकास के लिए महत्वपूर्ण कनहर सिंचाई परियोजना के विस्थापितों के छूटें हुए परिवारों को मूल सूची में शामिल कर उन्हें भी विस्थापन पैकेज देने, कनहर में हुई घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर निर्दोष लोगों का एफआईआर से नाम हटाने और वनाधिकार कानून के तहत अधिभोग का अधिकार पाए आदिवासियों को भी इस जमीन का मुआवजा देने सम्बंधी वायदों को सरकार को पूरा करना चाहिए और डूब क्षेत्र में व्याप्त भय और आतंक के माहौल को खत्म कर वहां लोकतांत्रिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति देनी चाहिए। यह बातें स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने कनहर विस्थापित गांवों भीसुर, गोहड़ा, सुदंरी, कुदरी, बधाडू व अमवार आंशिक का दौरा करने के बाद प्रेस को जारी अपने वक्तव्य में कहीं। उन्होंने डूब क्षेत्र के गांवों में बैठकें की और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। उनके साथ स्वराज अभियान की टीम में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, मजदूर किसान मंच के कृपाशंकर पनिका, पूर्व प्रधान, इस्लामुद्दीन, पूर्व प्रधान मोती लाल अगरिया, प्रधान मुरता चंद्रददेव गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़ व रमेश सिंह खरवार रहे।
दौरे के बाद स्वराज अभियान की टीम ने प्रेस को जारी अपने बयान में बताया कि स्वराज अभियान के राष्ट्रीय नेता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे पत्र के जबाब में सरकार ने वायदा किया था कि जो परिवार या पीढ़ी का नाम मूल सूची में छूट गया है उसे सर्वेक्षण कर जोड़ा जायेगा और कनहर में हुई घटना की उच्चस्तर पर जांच करा कर निर्दोष लोगों का नाम हटाया जायेगा। लेकिन सरकार व उ0 प्र0 शासन ने अपने वायदें पूरे नहीं किए। उल्टे अभी भी वहां आतंक का माहौल बनाया हुआ है। बीडीसी पंकज गौतम जैसे जनप्रगतिनिधि को गुण्ड़ा एक्ट में जिला बदर कर दिया गया है।
टीम ने कनहर में हो रहे काम का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण में पाया गया कि कनहर परियोजना के निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। यहां तक कि स्लीप वे में वहीं से निकाले रिजेक्टेड पत्थर को पिसकर डाल दिया गया है। टीम ने देखा कि इतनी बड़ी निर्माण परियोजना में कार्यरत अधिकांष मजदूरों का भवन व सनिर्माण कर्मकार बोर्ड में पंजीकरण तक नहीं कराया गया है। मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी, सुरक्षा उपकरण व अन्य श्रमिक अधिकार नहीं दिए गए है। इसलिए कनहर में हो रहे कार्यो की जांच कराने के लिए भी सीएम को पत्रक भेजा जायेगा।
गांवों में हुई बैठक में ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर मजदूर किसान मंच की सदस्यता चलाने और मजदूर किसान मंच के बैनर से अपने जायज अधिकार के लिए संघर्ष करने का फैसला लिया। बैठक में विस्थापितों के दर्द व अधिकार पर जनजागरण अभियान चलाने व इसमें पर्चा वितरण व जन संवाद स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया।