सोनभद्र। केन्द्र और प्रदेश सरकार तमाम योजनाओं को संचालित कर किसानों के आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है तो वही सोनभद्र जिले का अन्नदाता अपनी जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। आज सदर तहसील के पांच गांवो के अन्नदाताओं ने अधिशाषी अभियंता पारेषण विभाग के कार्यालय पर प्रदर्शन किया । इस दौरान किसानो ने कहा कि पारेषण विभाग द्वारा 132 केवीए की विद्युत लाइन ले जाया जा रहा है जो पांच गांवो के दर्जनों किसानो के खेतों से होकर जा रहा है। जबकि पूर्व ई अधिशाषी अभियन्ता पारेषण ने सर्वे में यह स्पष्ट किया है कि आबादी क्षेत्र होने की वजह से अंडर ग्राउण्ड ले जाना होगा , इसके बावजूद भी टावर के माध्यम से विभाग द्वारा ले जाया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा किसी तरह का मुआवजा नही दिया जा रहा है।
सोनभद्र में सदर तहसील के छपका , बिचपई , सहिजन , पीथा समेत अन्य गांवो के किसानो ने पारेषण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मांग किया कि चुनार से चोपन तक रेलवे लाइन का विद्युतीकरण होने के बाद 132 केवीए की लाइन के लिए टावर लगाया जा रहा है। यह विद्युत लाइन सदर तहसील के पांच गांवो के दर्जनो किसानों के खेतों से जा रही है। जिसके लिए विभाग द्वारा किसी तरह का मुआवजा नही दिया जा रहा है। जबकि पूर्व के अधिकारी ने सर्वे करके शासन को भेजा था कि आबादी वाला क्षेत्र होने की वजह से टावर ले जाना ठीक नही है , इसके लिए अंडर ग्राउंड तार ले जाने का सुझाव दिया था।
किसानों ने बताया कि हम लोगो के खेत से 132 केवीए पारेषन लाइन जा रही है,यह आवादी वाला क्षेत्र है,यहां की जमीन का रेट बहुत अधिक है,टावर लाइन जाने से यह जमीन बिल्कुल ही अनुपयोगी हो जाएगी,हम लोगो के पास इस जमीन के अलावा और कोई जीविका का साधन नही है।अगर लाइन गयी तो सरकार के द्वारा किसान लूट लिए जाएंगे।मनमाने ढंग से टेढ़े मेढ़े टावर खड़े किए जा रहे है,सर्वे गलत ढंग से किया गया है।पूर्व में यहां के अधिशाषी अभियंता द्वारा एक रिपोर्ट दी गयी है कि यह पापुलेटेड क्षेत्र है,यहां से केवल अंदर ग्राउंड केवल के द्वारा ही लाइन ले जाया जा सकता है,फिर भी उस रिपिर्त को डर किनार करते हुए मनमाने ढंग से लाइन ले जाया जा रहा है जिससे हमलोगों की भारी क्षति है।इसके जाने से हमलोगों के पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्त नही है।हमलोगों की मांग है कि इसे अंदर ग्राउंड ले जाया जाय।