अमहवा रपटें से गढ़वार घुटरा तक 1 किमी तक बना सेफ खनन जोन

समर जायसवाल –

चर्चाओं का बाजार गर्म कि दुमहान की लौवा नदी कथित खननकर्ताओं की बनी बपौती

कथित खननकर्ताओं के आगे अमुक़दर्शक बना तहसील प्रशासन।


दुद्धी। रेनुकूट वन प्रभाग के दुद्धी वन रेंज व तहसील मुख्यालय और कोतवाली से तकरीबन 3 से 4 किमी दूर दुमहान गांव से गुजरी लौवा नदी इन दिन गांव के ही कथित खननकर्ताओं के लिए सेफ जोन बन गया है जहां दिनदहाड़े दिन के उजियारे के साथ ही साथ रात में भी रेत की अवैध खनन की जा रही है और उसे 3 से 4 हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से विभिन्न निर्माणाधीन साइटों पर गिराई जा रही है।बेखौफ खननकर्ताओं की इतना हौसला बुलंद हो चुका है कि दुमहान के अमहवा रपटे से गढ़वार घुटरा तक 1 किमी नदी को खनन कर दिया है और नदी के किनारे से मार्ग बनाकर आगे बढ़ते ही चले जा रहे है।इस कार्य मे हल्का लेखपाल सहित बीट के वनदरोगा की भी मिलीभगत बताई जा रही है।क्षेत्र के मंदोदरी ,फुलपतिया,मनवा,लखपतिया ,फुलमानिया आदि ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि स्थानीय नदियों से खनन कर बालू तस्कर ऊँचे दाम पर इसकी आपूर्ति कर रहे है और तहसील प्रशासन अमुक़दर्शक बना हुआ है,उन पर कोई कार्रवाई नही होने से उनके हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अकेले दुमहान से एक दिन और रात कर दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर बालू क्षेत्र में बेच दिया जा रहा है और हजारों रुपये प्रतिदिन सरकारी राजस्व की क्षति की जा रही है।
सूत्रों की माने तो तकरीबन 6 माह पूर्व पुलिस राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मौके की जांच कराकर कुछ खननकर्ताओ पर अवैध खनन के मामले में कार्रवाई की थी लेकिन पुलिस के हाथों से कुछ पकड़े नही जा सके थे जिनके हौसले बुलंद है आज आलम यह है कि ये खननकर्ता और भी बेखौफ हो गए है और जगह जगह खुद पहरेदारी कर नदी में ट्रैक्टर की लोडिंग करते है और साइटों पर रेत आपूर्ति करते है।इनके चालक ट्रैक्टर को सड़क पर इस कदर दौड़ाते है कि कभी भी अप्रिय घटना से इनकार नही किया जा सकता।पर्यावरण कार्यकर्ताओ रमेश ,प्रमोद ,जमुना ,उदयलाल ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।ग्राम प्रधान रामसुरेश कुशवाहा ने कहा कि दुमहान में बालू खत्म हो गया है अभी खनन रजखड़ में हो रहा है।

इनसेट:

त्रिकोणीय व्यवस्था में होता है खनन।

दुद्धी।दुमहान के अमहवा रपटें के आस पास हो रहे खनन का सुरक्षा त्रिकोणीय व्यवस्था में होता है खननकर्ता के मुखबिर तीन मुख्य स्थलों पर बैठते है जो खनन स्थल पर सूचना देते रहते है ।एक रेलवे स्टेशन दूसरा रजखड़ तिराहा तीसरा दुमहान तिराहा से रनटोला के बीच बैठते है ।जब कोई मीडिया कर्मी तहसील प्रशासन वन विभाग और खान विभाग के लोग उस रास्ते से गुजरते है तो तत्काल खनन स्थल पर सूचना दे देते है। चूंकि खननकर्ताओं का घर खनन स्थल से एक से दो किमी के बीच मे ही है लिहाजा अपना ट्रैक्टर लेकर अपने घर भाग जाते है और किसी जांच टीम के हाथ नही चढ़ते है।

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