समर जायसवाल –
दो टूक कहा, या तो दुद्धी बने जिला या मिले हम सब अधिवक्ताओ को मिले इच्छामृत्यु।
दुद्धी।आज तहसील समाधान दिवस के दिन अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह से मिला, उनसे मिलकर अधिवक्ताओं ने संयुक्त रुप से भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
दिए ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र स्थित सर्वाधिक पुरानी तहसील दुद्धी जो उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर चारों प्रान्त की सीमा से जिला मुख्यालय सोनभद्र 200 किमी दूर है ,इसके अलावा दुद्धी तहसील सीमा के अंतर्गत एनसीएल ,एनटीपीसी,सीसीएल व अन्य कई बड़े बड़े सरकारी व गैर सरकारी औद्योगिक व्यवसायिक प्रतिष्ठान है।इसके अलावा दुद्धी का विधान सभा क्षेत्र (403) व नगर पंचायत भी है ।क्षेत्रफल की दृष्टि से यह काफी बड़ा करीब 306 राजस्व गांव का तहसील होने एवमं अन्य आधारों पर भी जिला मुख्यालय बनाये जाने के सभी मानक पूरा करने के बावजूद विगत 40 वर्षों से निरंतर जिला मुख्यालय बनाये जाने के युक्तिसंगत क्षेत्र की मांग के समर्थन में अनवरत धरना,प्रदर्शन व शासन प्रशासन
के मांग पत्र प्रेषित किये जाने के बावजूद आज तक दुद्धी को जिला घोषित नही किया जा सका,बल्कि क्षेत्र की जनता व वादकारियों के साथ हकतल्फी करते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र ने गलत आकड़ो के आधार पर अपने आदेश के जरिये दुद्धी तहसील स्थित उपकोषागार दुद्धी को बिना सही तथ्यों की जानकारी लिए उत्तर प्रदेश के शासनादेश का हवाला देकर बन्द करने का आदेश पारित कर दिया गया।जिसकी सही सही जानकारी और प्रमाणित रिपोर्ट जिलाधिकारी सोनभद्र को लिखित रूप से दिए जाने के बाद भी जिलाधिकारी ने आज तक अपने आदेश में संशोधन उपकोषागार दुद्धी को यथावत खुले रहने का आदेश आज तक नही दिया गया।इस कारण दुद्धी तहसील की जनता, वादकारी तथा अधिवक्ता गण काफी क्षुब्ध व दुखी व निराश है तथा इस कारण जीवन दुर्लभ सा हो गया है ।उन्होंने यह मांग किया कि राष्ट्रपति महोदय का सोनभद्र के कारीदाड़ में आने से पूर्व दुद्धी को जिला बनाने की घोषणा की जाए नहीं तो अधिवक्ताओं को सामूहिक रुप से इच्छामृत्यु दी जाए।इस मौके पर बार संघ अध्यक्ष कुलभूषण पांडेय , सिविल बार संघ अध्यक्ष रामलोचन तिवारी , दिनेश अग्रहरि , राजेन्द्र श्रीवास्तव , रामपाल जौहरी ,नन्दलाल ,प्रभु सिंह ,मनोज मिश्रा ,दिलीप पांडेय ,राकेश श्रीवास्तव के साथ तमाम अधिवक्ताबन्धु मौजूद रहे।