रामजियावन गुप्ता/बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी के 45वां स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर गुरुवार को रिहंद परियोजना के मानव संसाधन विभाग के राजभाषा अनुभाग के तत्वावधान में प्रशासनिक भवन परिसर स्थित सृजन सम्मेलन कक्ष में आयोजित हिंदी कार्यशाला के दौरान काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया ।रिहंद साहित्य मंच के रचनाकारों के लिए आयोजित इस काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता उप महाप्रबंधक (बी ई) कौशलेश दूबे ने किया । कार्यक्रम के शुरुआती दौर में मंच का संचालन कर रहे मुकेश कुमार ने काव्यगोष्ठी में पधारे हुए रचनाकारों का स्वागत अपने संबोधन के जरिए किया ।काव्यगोष्ठी में सर्वप्रथम डी एस त्रिपाठी ने “जीवन को बहुमूल्य बनाने की चाह” पर कविता सुनाकर सम्मेलन कक्ष में वातावरण का रुख बदला । पुनः देवी प्रसाद पाण्डेय ने शृंगार रस से ओत-प्रोत कविता सुनाकर वातावरण में शृंगार रस का समावेश किया । अगली कड़ी में लक्ष्मी नारायण पन्ना ने ‘चाँद से अर्श-ए-फराजा से आशिक़ी कर ली” को सुनाकर श्रोताओं की जमकर वाह-वाही लूटी । शैलेंद्र कुमार अंबर ने बीते हुए कल को कविता के माध्यम से लोगों के समक्ष रखा । पुनः रुद्रदेव दूबे ने आधुनिक परिवेश पर आधारित कविता सुनाकर वर्तमान वातावरण को लोगों के समक्ष परिलक्षित किया । काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कौशलेश दूबे ने देश प्रेम की भावना से ओट-प्रोत कविता “मेरे भारत का उन्नत मस्तक” सुनाकर श्रोताओं में देश-प्रेम की भावना को भरने का भरपूर प्रयास किया । अंतिम कड़ी में काव्य मंच का संचालन कर रहे मुकेश कुमार ने एनटीपीसी के गुणों का बखान करते हुए “मुल्क में उजालों का सैलाब आया है” को सुनाकर दर्शकों को तालियाँ बजाने पर बाध्य कर दिया ।कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ प्रबंधक (मा0सं0, राजभाषा व जनसंपर्क) प्रशांक चंद्रा ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से साहित्य प्रेमी जन उपस्थित थे ।