एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी बन चुकी है – बालाजी आयंगर

(रामजियावन गुप्ता)

—– विविध आयोजनों के बीच रिहंद परियोजना में मनाया गया एनटीपीसी का 45 वां स्थापना दिवस समारोह

बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी का 45वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को रिहंद परियोजना में विविध आयोजनों के बीच हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण में मनाया गया । परियोजना के प्रशासनिक भवन परिसर में आयोजित सुबह के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित मुख्य महाप्रबंधक (रिहंद) बालाजी आयंगर ने परंपरागत ढंग से एनटीपीसी ध्वज फहरा कर समारोह का शुभारंभ किया । अगली कड़ी में उपस्थित लोगों द्वारा एनटीपीसी गीत गाया गया । अपने संबोधन में श्री आयंगर ने इस अवसर पर समारोह में उपस्थित सभी कर्मचारियों, सहयोगी प्रतिष्ठानों तथा एनटीपीसी परिवार के सभी सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए उन्हें शुभकमनाएँ दी । उन्होने कहा कि एनटीपीसी सन 1975 से देशवासियों के ज़िंदगी में उजाला भरने का काम करती आ रही है । इसी का परिणाम है कि एनटीपीसी आज भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी बन चुकी है । आज एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 57106 मेगावाट है । एनटीपीसी न केवल विद्युत उत्पादन में आगे है बल्कि पिछले 11 सालों से लगातार महान भारतीय कार्य स्थलों में एनटीपीसी का नाम शामिल रहा है । श्री आयंगर ने कहा कि रिहंद परियोजना जहाँ 3 हज़ार मेगावाट उत्पादन के साथ विशेष स्थान पर है वहीं दूसरी तरफ यह परियोजना पर्यावरण के प्रति हमेशा सजग रहा है एवं पर्यावरण को और भी बेहतर बनाने में हमेशा से कृत संकल्पित है । वर्ष 2018-19 में हम रिहंद परियोजना में ऐश युटीलाइज़ेशन 32 प्रतिशत लक्ष्य से आगे बढ़कर 37.10 प्रतिशत प्राप्त किया है । GEM के तहत परियोजना के 121 ग्रामीण बालिकाओं को रेसिडेंटल प्रोग्राम कराकर सीएसआर विभाग ने जहाँ महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों के हित में कैंप, सोलर लाइट वितरण, ग्रामीण खेल-कूद का आयोजन, पुनर्वास कॉलोनियों में सड़क एवं नाली का निर्माण, सेवा कुंज में स्कूल बिल्डिंग व हॉस्टल का निर्माण आदि महत्वपूर्ण कार्यों को भी सीएसआर विभाग ने बखूबी निभाया है ।

कार्यक्रम में आगंतुकों का स्वागत, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रबंधक (मा0 सं0) अजीत कुमार ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से महाप्रबंधक (ओ एंड एम) अनंत चरण साहू, महाप्रबंधक (अनुरक्षण) जी सी चौकसे, महाप्रबंधक (एफ़ एम) एम रमेश, महाप्रबंधक (प्रचालन) ए के चट्टोपाध्याय, अपर महाप्रबंधक (मा0 सं0) के एस मूर्ति, विभागाध्यक्षगण, सीआईएसएफ़ के सहायक समादेष्टा (द्वय) सुशील कुमार व देव चंद, विभिन्न यूनियन व एसोसिएशन के प्रतिनिधिगण तथा काफी संख्या में परियोजना कर्मी उपस्थित थे ।

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