
राजधानी लखनऊ में आज शक्ति भवन पर सैकड़ों की तादाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता प्रदर्शन में सम्मिलित हुए और बिजली दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सारे प्रकरण की सीबीआई जांच हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के प्रति आभार प्रगट किया और मांग की कि निष्पक्ष्ज्ञ जांच हेतु जिम्मेदार अधिकारियों विशेषतया पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को उनके पद से हटाकर तत्काल गिरफ्तार किया जाये क्योंकि वे ट्रस्ट के भी अध्यक्ष है और उनके पद पर रहते हुए साक्ष्यों से छेड़छाड़ की सम्भावना है और निष्पक्ष जांच प्रभावित होंगी। उल्लेखनीय है कि ट्रस्ट के माध्यम से कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनरशि गौरकानूनी ढंग से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की सूची में न आने वाले डीएचएफएल कम्पनी में निवेश की गयी जिसकी जिम्मेदारी पावर कारपोरेशन व ट्रस्ट के चेयरमैन की होती है। संर्घर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि डीएचएफएल में निवेश करना ही गलत था किन्तु यह निवेश एफडी में किया गया जो और भी असुरक्षित था जिसके लिए चेयरमैन पर कार्यवाही किया जाना नितान्त आवश्यक है।
अनपरा, ओबरा, परीछा, हरदुआगंज, पिपरी, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, बांदा, अलीगढ़ और आगरा में उत्तेजित बिजली कर्मचारियों ने 03 बजे से 05 बजे तक जोरदार नारेबाजी और प्रदर्शन कर मांग की कि ट्रस्ट में निवेशित धनराशि की जिम्मेदारी सरकार ले।
राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन मंे हुए विरोध प्रदर्शन को संयोजक शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, एके सिंह, राम प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सुहेल आबिद, विपिन प्रकाश, मो. इलियास, विजय त्रिपाठी, पी एन तिवारी, परशुराम, करतार प्रसाद, डी के मिश्र, भगवान मिश्र, पूसेलाल, पी एन राय, पी एस बाजपेयी, कपिल मुनि प्रकाश, राम सहारे वर्मा, विशम्भर सिंह, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र सिंह चैहान, सागर शर्मा, नितिन शुक्ला, सना उल्लाह खान, के एस रावत, दीपक चक्रवर्ती, कपिल मुनि प्रकाश मुख्यतया उपस्थित थे।
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