बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)बभनी। लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन रविवार बभनी क्षेत्र के चैनपुर पोखरा,पिपराधाम मन्दिर के छठ घाट पर काफी रौनक रहा।पिपरा धांम मन्दिर समिति के सुरेश गुप्ता ने पिपरा धांम छठ घाट पर ब्रतधारी सभी महिलाओं को श्रृंगार सामग्री सहित वस्त्र (साडीयां) भेट किये। मचबंन्धवा बभनी चौना इकदीरी चपकी असनहर ,आदि गांवो मे अलग-अलग हिस्सों में नदी, तालाबों, नहरों पर बने घाटों पर जाकर व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अर्घ्य दिया और छठी
मैया की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न हो गया। सभी ने छठ पर्व पूरे उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया।छठ पर्व के चौथे एवं अंतिम दिन तड़के ही उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए व्रती और उनके परिजन रात भर अपने नियत छठ घाटो पर पूजा सामग्रियों के साथ घाटों पर पहुंच गए थे। रातभर जागरण के पश्चात सुबह सुर्य की किरन निकलते ही जगह ानुसार कही कही कमर तक पानी में डूबे हुए और पूजा सामग्रियों से भरे सूप हाथों में लिए व्रतियों ने भगवान भास्कर को पूरी श्रद्धा के साथ दूसरा अर्घ्य दिया। अधिकांश श्रद्धालु ऐसे थे जो कल डूबते सूरज को अर्घ्य देने के बाद से ही घाटों पर जमा थे। घाटो पर रात भर कही पर्दे तो कही टीवी पर छठ मईया के भजन आदि के सिरियल कही देवी जागरण का कार्यक्रम देखते हुये रात भर जागरण किया।
सूर्य को आखिरी अर्घ्य देने के साथ ही व्रतियों ने व्रत का समापन किया. छठ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया और इसी के साथ ही व्रत और उपवास का चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व संपन्न हो गया.सुबह कही घुटने तक,तो कही कमर तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और सुख समृद्धि की कामना की ।मोहल्लों से लेकर नदी नहरो के तटों तक पूरे क्षेत्र में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे।
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