कुछ विद्यालयों में नहीं मिला फल और न बना एमडीएम

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

ग्रामीणों ने लगाया अध्यापकों के अनियमितता का आरोप।

विकास खंड के 60% विद्यालयों में नहीं बंटा फल और न ही बना एमडीएम।

वित्तीय प्रभार के भ्रष्टाचार के खेल में उच्चाधिकारियों की भी चल रही संलिप्तता।

बभनी। विकास खंड में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय बिछियारी विद्यालय खुला था लेकिन विद्यालय में न फल बंटा और न ही एमडीएम बना जहां ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य संतोष यादव जो खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बैठते हैं जो अपने विद्यालय में कभी नहीं आते और विद्यालय में कार्यरत अध्यापक चंदन यादव जो दिवाली से पहले घर गए हैं तो आज तक विद्यालय आये ही नहीं आज विद्यालय में फल वितरित नहीं किया गया है और न ही एमडीएम बनवाया गया है।और विद्यालय अंग्रेजी माध्यम होने के बावजूद भी वर्षों से रंगाई-पुताई नहीं किया गया है। और आपको बताते चलें कि वित्तीय प्रभार का खेल बभनी ब्लाक में पहले से ही प्रचलित है जिससे कई विद्यालयों का प्रभार लेकर अध्यापक भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।विद्यालय में वित्तीय चार्ज को लेकर प्राथमिक विद्यालय बिछियारी के प्रधानाध्यापक संतोष यादव एबीआरसी होते हुए भी वित्तीय प्रभार का संचालन नियम विरुद्ध तरीके से कर रहे हैं जिसकी सूचना से उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया था लेकिन किसी भी अधिकारी का कोई ध्यान आकृष्ट नहीं होता और खबर प्रकाशित होने के बावजूद किसी तरह की कोई जांच नहीं की गई जिससे यह ज्ञात होता है कि विभाग के उच्चाधिकारियों की भी वित्तीय प्रभार की अनियमितता में संलिप्तता है।इस संबंध में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि सहसमन्वयक को अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य करना है। और जब फल व एमडीएम की बात कही गई तो उन्होंने बताया कि आज एमडीएम का संचालन नहीं किया जाना था परंतु यदि जानकारों की मानें तो शासन का आदेश था बच्चों को राष्ट्रीय पर्व मनाते हुए बच्चों को फल व एमडीएम का वितरण करना अनिवार्य था। इस संबंध में जब कुछ शिक्षकों से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि मेरे विद्यालय में एमडीएम भी बनवाया गया और फल भी वितरित किया गया। इस संबंध में जब प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई पर संपर्क नहीं हो सका।

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