बभनी/ सोनभद्र (अरुण पांडेय)
बभनी। थाना क्षेत्र व वन रेंज बभनी के छ0ग0से सटे सीमा के गांवों में हफ़्तों से हाथियों ने उत्पात मचा रक्खा है।सप्ताह भर के अन्दर हाथियों ने दर्जनों ग्रामीणों का घर गिराने के साथ ही किसानो के धान आदि फसलों का नुकसान क्षति कर चुकी हैं। हाथियों के आतंक से आस पास के कई गांव के ग्रामीण रातों को अपना घर छोड़ जंगल से दूर बस्ती में किसी अपनें परचितो के घर रात बिताने को मजबूर हैं।जब की वन विभाग के तीनों रेंज के अधिकारी कर्मचारी रात दिन हाथियों को भगाने के लिए जंगलों का ख़ाक छान रहे हैं।इसके बावजूद भी हाथी घूम फिर कर शाम होते ही गांव का रुख कर ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है।इसी कड़ी में अबतक तो हाथियों नें सिर्फ़ घर अनाज फसलों को ही नुकसान पहुंचाया था ।
जंगल मे मचान पर सो रहे दो युवको को उठाकर फेका
प्राप्त जानकारी अनुसार बीती रात को हाथियों नें जंगल में मचान पे सोरहे दो युवकों को अपना निशाना बनाया जिससे दोनों युवक घायल हो गए। संयोग अच्छा था की हाथियों ने युवकों को घायल ही करके छोड़ दिया वरना युवकों की जान भी जा सकती थी।
जंगल मे मचान बनाकर पशुपालक( चरवाह ) वनों मे गुजारते है रात
ग्रामिणो का कहना है कि गांव मे जिनके पास ज्यादा पशु है वे लोग अपने पालतु पशुओं को लेकर बरसात से जाडे के मौसम तक अपने पालतु पशुओ को लेकर जगल मे रात दिन रहते है। दिनभर पशु जंगल मे घुमकर चारा चरते है शांम को एक निश्चित ठिकाने पर अपने पशुओं के आस पास चरवाह लोग मचान बनाकर बिश्राम करते है।
पशुओ का चारागाह न होने से जंगल मे पशुओ को रखना मजबुरी
लोगो का कहना है कि
गांवों में जानवरों को चराने की जगह लगभग नहीं के बराबर रह गया है। जो भी कुछ बन्जर जमीन या ग्राम सभा की जमीन है उसे लोग कब्जा करके जोत कोड कर रहे है जिसकी वजह से पशु पालक अपनें जानवरों को लेकर बरसात व जाडे मे जंगल में चले जाते हैं और वहीं जंगल ही में रह कर जानवरों को चराते हैं और जानवरों के बांधने के पास ही लकड़ी का मचान यानि लकड़ी के बल्ली के सहारे ऊँचाई पे अपनें सोने के लिए बनाते हैं ताकि जंगली जानवरों से सुरक्षित रह सके।
हांथियो ने लकडी के मचान को उखाडकर फेका
बीती रात हाथियों का झुन्ड जंगल मे उसे रास्ते से गुजरा जहाँ लोग लकडी के बने मचान पर सो रहे थे। हांथियो ने लकड़ी के बने मचान को गिरा दिया और नीचे गिरते ही युवकों को उठा कर पटक दिया संयोग अच्छा था हांथियो ने पटकने के बाद युवक को छोडकर आगे बढ गयी। हाथी इतने ही पे युवकों को छोड़ कर चली गई वरना युवको की जान भी जा सकती थी। फ़िलहाल युवकों का इलाज़ बभनी हास्पिटल में चल रहा है युवक खतरे से बाहर बताये जारहे हैं।घायल युवक ।शोभा ,व चन्द्रिका पुत्रगण गुलाब निवासी सेमरिया।बचरा के हैं।
हाथियो को छत्तीसगढ के सीमा मे खदेडा
वन क्षेत्राधिकारी अवधनरायन मिश्रा ने बताया कि हाथियों को आज अपनें क्षेत्र से खदेड़ दिया गया है।हाथियों को अपनें सिमा से बाहर छ0ग0के जंगल में 2कि0मी0 अन्दर तक भगा दिया गया है ।अब ऐ उम्मीद है कि जारही है कि हाथी अब वापस नहीं आएंगे
हाथी भगाने के टीम मे रहे शामिल
वन टीम में वनक्षेत्राधिकारी अवधनरायन मिश्रा,वनक्षेत्राधिकारी म्योरपुर शहजादा इस्माइल,वनक्षेत्राधिकारी जरहा दिनेश कुमार,वन दरोगा,थेगुराम,अनिल कुमार,वन रक्षक सुरेंद्र कुमार यादव,रामगोपाल दुबे,व काफ़ी संख्या में ग्रामीण मौज़ूद थे।