घोरावल(वीरेंद्र नाथ मिश्रा) घोरावल तहसील में स्थित उप कोषागार को कोषागार सोनभद्र से संबद्ध कर देने के कारण स्टांप वेंडरों के साथ-साथ अधिवक्ताओं में भारी नाराजगी रही। इस संबंध में सोमवार को तहसील में अधिवक्ता समिति घोरावल के अध्यक्ष ,दी घोरावल बार एसोसिएशन तथा बार एसोसिएशन रावर्ट्सगंज के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से उप जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र को मुख्यमंत्री के संबोधित नाम ज्ञापन सौंपा।
सोमवार को स्थानीय तहसील के बार द्वय ने संयुक्त रूप से बैठक किया। जिसमें शासन द्वारा उप कोषागार घोरावल को बंद करने के फैसले पर विरोध व्यक्त किया गया तथा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। वरिष्ठ कोषाधिकारी सोनभद्र द्वारा पूर्ण साजिश के तहत उप कोषागार घोरावल को बड़े स्टांप 10 हजार रुपये से 25 हजार रुपये व अन्य छोटे स्टांप समय से उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
जिससे मजबूरन वादकारियों व आम जनता स्टांप को मुख्यालय सोनभद्र से लेकर के सब रजिस्ट्रार बैनामा कराया जाता था। वित्तीय सत्र 2018- 19 में उप निबंधक कार्यालय घोरावल में 5 करोड़ 14 लाख 44 हजार रुपये तथा वित्तीय सत्र 2019-20 में माह अप्रैल से माह सितंबर तक में दो करोड़ 86 लाख 86 हजार 4 सौ 60 रुपए का स्टांप शुल्क दिया गया है। इसके अतिरिक्त न्यायालय व बैंक आदि में स्टांप टिकट दिया गया है जो शासनादेश के अनुसार उप कोषागार घोरावल को बंद नहीं किया जा सकता। ज्ञापन में रहा कि मुख्य कोषाधिकारी सोनभद्र ने शासन में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है कि मानक के अनुरूप बिक्री नहीं है। जो सरासर गलत है ।शासन के मानक से अधिक का बिक्री होता रहा है। स्टांप वेंडरों ने अवगत कराया कि तहसील घोरावल से मुख्यालय की दूरी लगभग 40 से 45 किलोमीटर है। बड़ी रकम लेकर जाने में हम स्टांप वेंडरों की जान व माल का खतरा है। न्याय शुल्क जमा करने में भी परेशानी हो रही है। जिससे न्यायिक प्रक्रिया में विलंब होगा। सरकारी फीस तथा बड़े स्टांप का पैसा जमा करने हेतु अत्यधिक 40 से 45 किलोमीटर दूर मुख्यालय जाने में जान-माल का खतरा बना रहेगा। मांग रही कि उप कोषागार घोरावल को जनपद मुख्यालय से संबद्ध न करते हुए पूर्व की भांति स्थानीय तहसील मुख्यालय पर संचालित कराया जाए।
इस मौके पर तहसील अधिवक्ता समिति घोरावल के अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्र, दी घोरावल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अफजाल अहमद सिद्दीकी,शिव जतन विश्वकर्मा, गुलाब सिंह,फखरे आलम,आशुतोष कुमार मिश्र,कमलेश कुमार मौर्य,आलोक कुमार सिंह,महेश कुमार यादव,अवधेश कुमार सिंह समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।